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चूरू। चूरू जिले के सुजानगढ़ में कन्या महाविद्यालय हेतु करोड़ों रुपए की 8 भूमि दान करने वाले भामाशाह पवन तोदी को सम्मानित करने के बजाए प्रशासन ने उनके हृदय को यह कहकर गहरी ठेस पहुंचाई है कि जिला स्तर पर सम्मानित होना है तो अर्जी लिखकर दो कि भूमि दान करने के लिए मेरा सम्मान करो। उल्लेखनीय है कि सुजानगढ़ विधायक मनोज मेघवाल ने मास्टर भंवर लाल मेघवाल कन्या महाविद्यालय सुजानगढ़ के लिए करोड़ों रुपए की भूमि दान करने पर भामाशाह पवन तोदी को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जिला स्तर पर सम्मानित करने की चूरू कलेक्टर से अभिशंषा की थी। इस पर सुजानगढ़ उपखंड अधिकारी ने भामाशाह पवन तोदी से कहा कि सम्मानित होना है तो खुद लिखकर दो कि भूमि दान करने के लिए मेरा सम्मान किया जावे। इस पर भामाशाह पवन तोदी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें ऐसा सम्मान नहीं चाहिए। तोदी ने कहा कि कन्या महाविद्यालय में पढ़ने वाली बेटियां ही उनका सम्मान हैं। पवन तोदी ने चूरू जिले में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अब तक सबसे ज्यादा 8 बीघा भूमि दान की है। इसके अलावा कलेंडर मैन के नाम से चर्चित अनूठी प्रतिभा के धनी पवन तोदी ने कोरोनाकाल में चूरू कलेक्टर के बुलावे पर चूरू जाकर 51 हजार रुपए खुद और 5 लाख रुपए ट्रस्ट से तुरंत जारी किए। इतना ही नहीं कोरोना काल में भामाशाह पवन तोदी ने जरूरतमंद लोगों को घर घर राहत सामग्री पहुंचाई। कोरोना महायोद्धा के रूप में कार्य करते हुए खुद भी पॉजिटिव हो गए। कोरोना को हराकर पुनः जरूरमंदों की सेवा में जुट गए। इस दौरान तोदी द्वारा प्रशासन का भी भरपूर सहयोग किया गया। भामाशाह पवन तोदी शिविर लगाकर समाज सेवा के विभिन्न कार्य करने में हमेशा आगे रहते हैं। पुलिस विभाग को कंप्यूटर, फर्नीचर आदि सामग्री भेंट करने के अलावा थाने में प्याऊ खोलना और इंदिरा रसोई में विशेष सहयोग किया है। पवन तोदी आज भी सिनेमाघर को जीवित रखे हुए हैं। सरकार चाहे कांग्रेस की हो या भाजपा की, तोदी के सेवा कार्य लगातार जारी रहते आए हैं। तोदी महात्मा गांधी की भूमिका निभाते हैं। इनका तो सरकार द्वारा राज्य स्तर अभिनंदन किया जाना चाहिए था, जबकि किया नहीं उपखंड स्तर पर भी। इस बात की चारों ओर निंदा होने पर कलेक्टर ने मेल करके उपखंड कार्यालय में भामाशाह पवन तोदी को अभिनंदन पत्र भेज दिया। तोदी वह अभिनंदन पत्र कलेक्टर को वापस भेज रहे हैं। कुल मिलाकर चूरू जिले की इस घटना ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले भामाशाहों को सम्मानित किए जाने की सरकार की बातों को खोखला साबित कर दिया है। साथ ही चयन समिति भी संदेह के घेरे में आ गई है। चर्चा है कि करोड़ों रुपए की जमीन मास्टर भंवर लाल मेघवाल कन्या महाविद्यालय सुजानगढ़ के लिए दान करने वाले भामाशाह पवन तोदी को सम्मानित नहीं किया जाना एक साजिश है। इससे प्रशासन की सतर्कता की पोल खुलकर सामने आई है। तोदी ने कहा कि वे कलेक्टर को प्रशस्ति पत्र वापस भेज रहे हैं। अब देखना यह है कि शिक्षक दिवस पर शिक्षा के लिए योगदान प्रदान करने वाले भामाशाहों को राज्यपाल एवं शिक्षा मंत्री के द्वारा पुरस्कार दिया जाता है, इस सम्मान के लिए तोदी चयनित होते हैं या नहीं। विधायक मनोज मेघवाल एवं प्रशासन को तोदी के योगदान की जानकारी है तो फिर उन्हें हर बार अनदेखा क्यों किया जाता है।

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