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बीकानेर,पूरे प्रदेश को क्या देश में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत योग्य जन नेता के रूप में जनमानस में प्रतिष्ठित है। उनमें जनता के प्रति संवेदना है। राजनीति की स्किल है। विरोधी भी उनके राजनीति विचारधारा से ऊपर उठकर उनके नेतृत्व क्षमता का सम्मान करते हैं। क्या उनकी सरकार के मंत्रियों के प्रफॉर्मेंस को भी मुख्यमंत्री नोटिस करते हैं? उनको कुछ कहते नहीं क्या ? लंपी वायरस रोकथाम को लेकर मुख्य सचिव की ओर से मुख्यमंत्री, संबधित मंत्री, पूरा प्रशासन, प्रतिपक्ष नेता गुलाब चंद कटारिया, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, सांसद और पंचायत प्रतिनिधियों के सामने गोपालन मंत्री प्रमोद भाया जैन और गो सेवा आयोग के अध्यक्ष मेवा राम जैन की परफॉर्मेंस खुद मुख्यमंत्री ने देखी है। लंपी महामारी के चलते पशुधन आधारित प्रदेश की अर्थव्यवस्था और गो पालकों के आजीविका पर संकट छाया हुआ है। गोधन की बड़ी क्षति हो चुकी है। गोपालन मंत्री अपनी उपलब्धियों के गीत गा रहे हैं। मुख्यमंत्री की प्रशंसा के पुल बांध रहे हैं जो कतई प्रासंगिक नहीं है। मुख्यमंत्री का पूरा राजनीतिक जीवन प्रशंसनीय है। पर जैन बंधुओं की विषय की गंभीरता से हटकर प्रशंसा करना अशोभनीय है। यह वीसी लपी वायरस रोकथाम के लिए आयोजित थी। उनके विभागों की उपलब्धियां गिनाने या मुख्यमंत्री की प्रशंसा में गीत गाने की नहीं थी। मुख्यमंत्री जी ऐसे अप्रासंगिक रूप से आपकी बड़ाई के गीत गाने वालों को कभी तो फटकार लगाया करो। लाल चंद कटारिया ने मुद्दे की बात रखी। गुलाब चंद कटारिया और सतीश पूनिया ने सटीक सुझाव दिए। खुद मुख्यमंत्री ने जनता के सामने बेबाक रूप से यर्थात रखा। बता दिया वेक्सीन आने में महीना लगेगा। इस रोग की कोई दवा नहीं है। जो है वे दवाएं पर्याप्त रूप से उपलब्ध है। आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाएं विभाग प्रचार करें। आयुर्वेदिक लड्डू काढ़ा आदि का विभाग गांवों में बनाने की विधि और सामग्री पशु पालकों को बताएं। उपायों, संसाधनों की जानकारी दी और मिलजुल कर सम्मलित प्रयासों से महामारी की भारी चुनौती का सामना करने का आह्वान किया। महामारी के मुकाबले में सरकार की ओर से पर्याप्त धन उपलब्ध करवाने का विश्वास दिलाया। मुख्यमंत्री मुद्दे पर ही केंद्रित रहे। पूरी संवेदना दिखाई और महामारी को लेकर साफ तस्वीर रखी। लपी महामारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का मुद्दा रखा। मंत्री प्रमोद भाया जैन और गो सेवा आयोग अध्यक्ष मेवा राम जैन वीसी का वीडियो खुद वापस देख लें और अपना आकलन कर लें। मुद्दे के प्रति कितने गैर जिम्मेदारी है समझ लें। नहीं तो जनता में क्या साख रह जाएगी ?

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