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नोएडा,नोएडा में भ्रष्टाचार की नींव पर बने ट्विन टावर को जमींदोज कर दिया गया है. सुपरटेक की एपेक्स और सियान टावर को दोपहर ढाई बजे धमाके के साथ गिरा दिया गया है. ट्विन टावर ढहाने की वजह से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने का खतरा है. इससे तकरीबन 55,000 से 80,000 टन तक मलबा निकलना का अनुमान है. जिसे हटाने में करीब 3 महीने तक का समय लग सकता है. इससे निकलने वाले धूल के कण नोएडा और दिल्ली के लिए परेशानी का सबब तो बनेंगे ही साथ ही में ये कण मथुरा, आगरा की तरफ भी बढ़ने की उम्मीद है.

*दिल्ली-एनसीआर के इन इलाकों में प्रदूषण बढ़ने की संभावना*
स्काईमेट मौसम के वाइस प्रेसिडेंट महेश पलावत के मुताबिक, से निकलने वाली धूल नोएडा सेक्टर 126, 137, 26, 93B, 91, वजूदपुर, Advant IT पार्क, 142 और छपरौली 1 तक जाएगी.

जिससे वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक बढ़ सकता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है.

*लंबी दूरी तय कर सकते हैं धूल के कण*
मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली और नोएडा में मौसम साफ है. ऐसे में इसके धूल के कण लंबी दूरी तय कर सकते हैं. हालांकि, सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में हल्की बूंदाबांदी की संभावना है. ऐसे में हवा की दिशा बदलने और आद्रता का स्तर ठीक होने से धूल के कण बैठ जाएंगे और लगभग 24 घंटे तक अलग-अलग इलाकों में घूमने के बाद उत्तर प्रदेश के ही कुछ इलाकों में उन्हें ठिकाना मिल सकता है.

बता दें कि सुपरटेक ट्विन टावर्स को गिराने में करीब 17.55 करोड रुपये का खर्च आया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, टावर्स को गिराने का यह खर्च भी बिल्डर कंपनी सुपरटेक को ही वहन करना पड़ा है. इन दोनों टावरों में अभी कुल 950 फ्लैट्स बने थे और इन्हें बनाने में सुपरटेक ने 200 से 300 करोड़ रुपये खर्च किया था.

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