बीकानेर,प्रदेशभर में जन्म के बाद नवजात बच्चों को लावारिस छोड़ने वाली घटनाएं झकझोरने वाली हैं। भले ही अपने बेगाने हो गए, लेकिन परायों ने न केवल इन्हें गोद में लिया, बल्कि पलकों पर बिठाकर इनकी बेहतर परवरिश कर रहे हैं। वर्ष 2017-18 से जुलाई 2022 तक प्रदेशभर में 954 नवजात लावारिस मिले। जिनमें से अब तक 767 बच्चों को गोद दिया जा चुका है। इनमें से 677 बच्चे देश के विभिन्न प्रांतों और 90 बच्चे विदेशों में दंपतियों को गोद दिए गए हैं। इटली, कोरिया और यूएसए समेत कई देशों में भारतीयों के अलावा कई विदेशी दम्पति इन पर प्यार लुटा रहे हैं।
केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा), बाल कल्याण समिति, चाइल्ड हैल्प लाइन और पुलिस के सहयोग से लावारिस मिलने वाले नवजात बच्चों को पहले अस्पताल और फिर शिशु गृह में आसरा मिला। नवजात को गोद लेने के लिए देश-विदेश के सैकड़ों लोग कतार में हैं। बीकानेर सम्भाग में ग्यारह वर्ष में 74 नवजात लावारिस मिले। इनमें 42 बेटियां और 32 बेटे शामिल हैं। जिनमें से 67 को आसरा मिल चुका है। इस वर्ष अब तक चार नवजात मिले हैं। इनमें भी एक बेटा शामिल हैं।
गोद का गणित
बीकानेर संभाग : कब कितने मिले लावारिस और फिर मिली गोद
वर्ष – लड़का – लड़की – गोद – देश- विदेश
2012 – 5 – 1 – 6 – 6 – 0
2013 – 1 – 2 – 3 – 2 – 1
2014 – 1 – 0 – 1 – 1 – 0
2015 – 2 – 4 – 6 – 6 – 0
2016 – 6 – 7 – 9 – 9 – 0
2017 – 2 – 6 – 7 – 6 – 1
2018 – 2 – 4 – 5 – 5 – 0
2019 – 6 – 7 – 13 – 12 – 1
2020 – 2 – 3 – 5 – 5 – 0
2021 – 4 – 5 – 8 – 8 – 0
2022 – 2 – 3 – 4 – 4 – 0 (जुलाई तक)
विदेशी दम्पतियों ने भी लिया गोद
लावारिस मिली एक नवजात बच्ची को इटली, एक बच्चे को कोरिया एवं एक बच्ची को यूएसए की दंपति ने गोद लिया है। वहीं वर्ष 2017 में लावारिस मिला नवजात आज निजी कंपनी के अच्छे ओहदे पर काम करने वाले व्यक्ति के घर का चिराग बनकर रोशन है।
डॉ. किरण सिंह तंवर, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति बीकानेर
गोद देने से पहले टटोलते हैं रिकॉर्ड
नवजात को गोद देने से पहले केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) की ओर से गोद लेने वाले दंपत्ति का पूरा रिकॉर्ड खंगाला जाता है। डॉक्टर, इंजीनियर और उद्योगपतियों के घर कई बच्चे गोद गए हैं। जहां उनकी अच्छी परवरिश हो रही है।
शारदा चौधरी, अधीक्षक बालिका एवं शिशु गृह बीकानेर
90 बच्चे पहुंचे परदेस
भारत में दत्तक ग्रहण कार्य का संचालन केन्द्रीय दत्तक-ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) के माध्यम से हो रहा है। जो भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सांविधिक निकाय है। इस कार्यक्रम को दत्तक-ग्रहण विनियम 2017 के तहत निरुपित किया जाता है। विगत पांच वर्षों में राज्य में 767 बच्चों को दत्तक ग्रहण में दिया गया है। जिनमें 90 बच्चे विदेशों में पल रहे हैं।
मनीष शर्मा, कार्यक्रम अधिकारी राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन अभिकरण (सारा) राजस्थान