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जयपुर,राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता नरेश मीणा के एक बयान से छात्रसंघ चुनावों और प्रदेश की सियासत दोनों में नया उबाल देखने को मिल रहा है। नरेश मीना जो अब तक राजस्थान सरकार के मंत्री मुरारी मीणा की बेटी निहारिका जोरवाल को राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनावों में विजयी बनाने के लिए दिन-रात एक करे हुए नजर आ रहे थे वहीं उनके एक बयान ने सनसनी फैला दी।

उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है कि खुद निहारिका और मंत्री जी की परेशानियां बढ़ गई है। मीणा ने दावा किया है कि छात्रसंघ अध्यक्ष चुनाव मैनेज करने के लिए निहारिका जोरवाल की तरफ से 10 लाख रुपए दिए गए थे। मीणा ने फेसबुक लाइव में बचे हुए 5 लाख रुपए दिखाते हुए कहा- इन्हें लौटाने जा रहा हूं।लिंगदोह कमेटी की गाइडलाइन के अनुसार चुनाव में कैंडिडेट 5 हजार रुपए से ज्यादा खर्च नहीं कर सकते। नरेश मीणा ने चुनाव की व्यवस्थाएं संभालने के लिए 10 लाख लेने का दावा कर आचार संहिता पर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही, चुनावों में धनबल के खुले उपयोग का खुलासा किया। मीणा ने फेसबुक लाइव में कहा- मुझे निहारिका की तरफ से मैनेजमेंट संभालने को कहा गया। मुझे कहा- आप पूरी मॉनिटरिंग करें। जो खर्चा लगेगा, वह देंगे। मेरी टीम अपने खर्चे पर काम कर रही थी। पहले मैंने इनकार कर दिया। मैं बदनामी से डरता हूं। विश्वविद्यालय चुनावों में बदनामी के अलावा कुछ नहीं मिलता।

निहारिका का जो चुनाव मैनेजमेंट संभाल रहे थे, उन्होंने मुझे 10 लाख रुपए दिए। कहा- आप चुनाव को मैनेज कीजिए। नरेश मीणा ने कहा कि6 मैंने मंत्रीजी को कह दिया था कि मुझे रुपयों की जरूरत नहीं है। मुझे जबरदस्ती 10 लाख रुपए दे गए थे। उसके बाद तीन-चार दिन निकल गए। जो खर्च हुए, उसके पाई-पाई का हिसाब मेरे पास है। इसी रुपए से हमने कई छोटे कैंडिडेट की मदद की है। जो पैसा बचा है, वह वापस लौटाने जा रहा हूं। नरेश मीणा ने जिस निहारिका जोरवाल का जिक्र किया है, वह मंत्री मुरारी लाल मीणा की बेटी है। पैसे का लेन-देन सामने आने के बाद अब राजनीतिक विवाद तय है।उधर सियासी गलियारों में चर्चा है कि आखिर मंत्री मुरारी लाल मीणा और नरेश मीणा के बीच ऐसी क्या बात बिगड़ी जिससे नरेश मीणा ने जानबूझकर इस तरह का बयान दिया।

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