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बीकानेर,शहर में तीन विश्वविद्यालयों,तीन राजकीय कॉलेजों व निजी कॉलेजों में हुए चुनावों के परिणाम घोषित हो चुके है। इनमें महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय व राजकीय विधि कॉलेज में एबीवीपी का पैनल जीता है। वहीं डूंगर कॉलेज व एम एस कॉलेज में एनएसयूआई ने अपना कब्जा बरकरार रखा है। तो एनएसयूआई संभाग की सबसे बड़ी डूंगर कॉलेज व एम एस कॉलेज में अपना दबदबा कायम रखते हुए जीत दर्ज की। इन दोनों की कॉलेजों में पिछली बार भी एनएसयूआई के अध्यक्ष विजय हुए थे। उधर रामपुरिया,नेहरू शारदापीठ,जैन कन्या कॉलेज में अध्यक्ष पद पर निर्दलीय विजयी हुए है। जानकारी के अनुसार एमजीएसयू में एबीवीपी के लोकेन्द्र सिंह अध्यक्ष निर्वाचित हुए। महासचिव पद पर योगेश हर्ष ने जीत दर्ज की है। तो एम एस कॉलेज एनएसयूआई की निरमा मेघवाल विजयी घोषित हुई। जो जिले में सर्वोधिक मतों से जीती है। इसी तरह राजकीय लॉ कॉलेज में एबीवीपी का पैनल जीता है। रामपुरिया कॉलेज में निर्दलीय संजय सिंह भाटी निर्वाचित हुए है। सभी जीते हुए पदाधिकारियों ने गुलाल उड़ाकर विजय जुलूस निकाला। वेटरनरी कॉलेज में अध्यक्ष पद पर वीरेन्द्र सिंह,उपाध्यक्ष पद पर अभिषेक मीणा,महासचिव पद पर तरूण पारीक व संयुक्त सचिव पर निहाल सिंह गुर्जर विजयी घोषित किये गये है।

संगठन दिखे निष्क्रिय
वैसे तो छात्रों की हितों के लिये संघर्ष करने वाले संगठनों ने टिकट वितरण करने के अलावा कोई विशेष काम नहीं किया। हालात यह रहे कि जीतने वाले अधिकांश प्रत्याशी अपने दम ही चुनाव की जंग को जीते। हालात यह है कि अधिकांश महाविद्यालयों और विवि में छात्र संगठनों की इकाई तक नहीं है। जिसके कारण सक्रिय सदस्यों की कोई संख्या नहीं थी। कहने को एबीवीपी ने कई कॉलेजों पर कब्जे जरूर किये है। परन्तु उनके पदाधिकारी टिकट बांटने तक ही सीमित रहे। चुनाव प्रचार में कार्यालयों के शुभारंभ के बाद कही नजर नहीं आएं। वहीं एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष तो स्वयं टिकट वितरण से नाराज होकर विद्रोही हो गये थे। जिसके कारण वे महज डूंगर कॉलेज के एनएसयूआई के प्रत्याशी को वोट दिलाने की बजाय उन्हें हराने में लग गये। उधर एसएफआई ने भी महज औपचारिकता निभाते हुए अपनी इज्ज्त जरूर बचाई।सर्वोधिक मतों से जीती निरमा जो जानकारी मिली है उसमें सामने आया है कि एम एस कॉलेज की अध्यक्ष पद पर विजयी निरमा जिले में सर्वोधिक मतों से जीतने वाली है। जिन्होंने 730 मतों से एबीवीपी के उम्मीदवार को हराया।

कॉलेज में भी चला नोटा
आम तौर पर लोकसभा,विधानसभा,पार्षद,पंचायतों के चुनावों में नोटा के प्रयोग देखने को मिलते है। वहीं छात्र संघ चुनावों में भी नोटा का प्रयोग किया गया। महाराजा गंगासिंह विवि में सर्वोधिक मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया। यहां अध्यक्ष में पांच,उपाध्यक्ष में 11,महासचिव में 22 व संयुक्त सचिव में 19 जनों ने किसी भी प्रत्याशी को पसंद नहीं किया। तो जैन पीजी कॉलेज में चार जनों ने नोटा का प्रयोग किया।

इन कॉलेजों से ये बने पदाधिकारी
महाराजा गंगासिंह विवि
अध्यक्ष
लोकेन्द्र सिंह (275) भवानी सिंह (259) 16 – नोटा पांच
उपाध्यक्ष
दिपिका शर्मा (332) भरत गौड़ (243) 69 – नोटा 11
महासचिव
योगेश हर्ष (339) विजयपाल चौधरी (216) 121 – नोटा 22
संयुक्त सचिव
वर्षा सैन (352) कुलदीप सोनी (201) 151 – नोटा 19

नेहरूशारदा पीठ पराजित अंतर निरस्त
अध्यक्ष
कर्तिका पारीक (36) यश देराश्री (26) 10 2
उपाध्यक्ष
जयकिशन जोशी (33) मोती भादाणी (59) 07 5
जैन पी जी कॉलेज
अध्यक्ष
बिजेश विश्नोई (124) यश देराश्री (61) 63 2
उपाध्यक्ष
दीपक आचार्य (138) मोती भादाणी (46) 92 2 नोटा एक
महासचिव
हिमांशु अग्रवाल (133) दिक्षित बोथरा(50) 83 2 नोटा दो
संयुक्त सचिव
आनंद मारू (127) गौरव यादव (54) 73 5 नोटा एक

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