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बीकानेर,आप जब भी परमात्मा को श्रद्धा से याद करेंगे आपका कार्य सिद्ध होगा। श्रद्धा मजबूत होनी जरुरी है। जब तक श्रद्धा कमजोर रहेगी, नैय्या डांवाडोल होती रहेगी। उक्त प्रवचन पर्यूषण पर्व के तीसरे दिवस रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला में साध्वी सौम्यदर्शना ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पर्वाधिराज पर्यूषण पर यदि दान-धर्म नहीं किया तो संग्रहित धन की तीसरी गति होती है। दान-धर्म में यदि धन नहीं लगाया तो धन का नाश होना निश्चित है। हम यदि तप नहीं कर सकें तो तप करने वालों की अनुमोदन जरूर करनी चाहिए। तप के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, बाधक नहीं बनना चाहिए। पर्यूषण पर्व साल में एक बार हमें जगाने आता है। हमें चेताता है कि पूरे वर्ष जप-तप कुछ नहीं किया तो कोई बात नहीं, पर्यूषण के इन आठ दिनों तक भरपूर दान, धर्म, जप, तप व आराधना करें। श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ श्रीसंघ के अध्यक्ष रिखबचंद सिरोहिया ने बताया कि शुक्रवार दोपहर में साध्वी सौम्यप्रभा के सान्निध्य में पद्मावती माता का पूजन किया गया। माँ पद्मावती पूजन के लाभार्थी काव्या बैद, राहुल बैद रहे। आज की संघ पूजा का लाभ रिद्धकरण, हनुमानदास, लीलम सेठिया, ताराचंद माणकचंद डागा, प्रसन्नचंद, जिनदास कोचर, मूलचंद पुष्पादेवी सुरेन्द्र जैन बद्धाणी व चाँदमल कोचर  परिवार द्वारा लिया गया। शनिवार से कल्पसूत्र का वाचन होगा जिसके लाभार्थी माणकचंद राजकुमार कोचर गंगानगर वाले बने। कंवरलाल बांठिया आयम्बिल शाला के प्रतिवेदन की प्रस्तुति दी। अजय बैद ने संचालन किया। आज की अंगरचना व सजावट मुख्य लाभार्थी मूलचंद पुष्पा देवी सुरेन्द्र जैन बद्धाणी परिवार द्वारा किया गया। पर्यूषण पर्व पर भीनासर जैन पाश्र्वनाथ मंदिर में भक्ति संध्या का आयोजन किया गया।

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