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बीकानेर। परिवार से अलग रहकर आपको स्वतंत्रता मिल सकती है, लेकिन प्रसन्नता नहीं। संघ व परिवार के साथ रहकर ही व्यक्ति आगे बढ़ सकता है और इसी में जिन शासन की शोभा बढ़ती है। उक्त प्रवचन गुरुवार को पर्यूषण के दूसरे दिन रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला में साध्वी सौम्यदर्शना ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि दान देने वाला व्यक्ति चेहरा नहीं जरुरत देखता है। दान देने के बाद दान का प्रचार नहीं करना चाहिए। साध्वी सौम्यदर्शना ने 11 कर्तव्यों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि तीर्थयात्रा पर जब भी जाएं शालीनता से जाएं। सभ्य कपड़ों में तथा पुण्य की भावना से तीर्थस्थान पर दर्शन करने जाएं। आज की प्रभावना केसरीचंद राजेन्द्र प्रसाद कोचर परिवार तथा किरणचंद कोचर परिवार की ओर से दी गई। आज की अंगीरचना व सजावट के लाभार्थी रिखबदास लालचंद कोचर परिवार रहे। रात्रि में विमलनाथजी मंदिर में पर्यूषण पर प्रभु भक्ति आयोजन में शिखरचंद डागा परिवार लाभार्थी रहा। 27 अगस्त से कल्पसूत्र का वाचन होगा तथा 28 अगस्त को कोचरों के चौक स्थित पंच मंदिर में ज्ञानवद्र्धक प्रदर्शन व फूलों से प्रभु की पूजा होगी।

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