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बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान बीकानेर ओर रामस्तंम्भ गीताभवन ऋषिकेश के संयुक्त तत्वाधान में बालसंत श्रीछैल बिहारी जी महाराज के मुखारविंद से गीताभवन रामनाम स्तम्भ पर कथा वाचन जारी है। जिसभे आज व्यास तिलक ओर भागवत पूजन”ङाक्टर सुषमा,ओर मालती पारदासानी,परिवार द्वारा करवाया गया।तत्पश्चात आज की कथा वाचन करते हुवे बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने कृष्ण रुक्मणी विवाह का प्रसंग, ओर कृष्ण सुदामा के मित्रता की कथा,ओर राजसूय यज्ञ’ सुखदेव द्वारा राजर्षि परीक्षित को शरीर व आत्मा के भेद का बोध करवाकर मोक्ष की परीभाषा बतलाने की कथा बतलाई गयी। बालसंत ने बताया कि “‘प्राणी का जीवन के रहते मोह का क्षय होना व अनासक्त जीवन जीना ही सच्चा मोक्ष है” तत्पश्चात नवयोगेश्वर,दत्तात्रेय यदु महाराज ओर 24 गुरुओं की कथा बताई। ओर कहा दुख पीङा व असफलता से पिङित प्राणियों के लिये सदमार्ग का दिखलाने वाला केवल मात्र गुरु का आश्रय ही आखिरी ओषधि है। गुरू वह प्रकाशपुंज हे, जो शिष्य को अंधकार से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाने का जो मार्ग प्रशस्त करता है, वही सच्चा गुरु होता हे”।। संस्थान के नितेश आसदैव ने बताया की.. कथा में धर्मपरायण गौरीशंकर मोहता,सीमा पुरोहित अनिल सविता राधेश्याम नागल,श्रीराम बिहाणी,अनु गोपालकृष्ण अरोङा,आदि का सेवा सहयोग रहा। कल कथा की पुर्णाहुति होगी।

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