बीकानेर, खरतरगच्छाधिपति, जैनाचार्य जिनचन्द्र सूरिश्वरजी व यतिश्री अमृत सुन्दर म.सा. के सान्निध्य में रांगड़ी चौक के बड़े उपासरे में, साध्वीश्री मृगावती, सुरप्रिया व नित्योदया की निश्रा में सुगनजी महाराज के उपासरे में जैनधर्म का लोकोतर पर्युषण पर्व के धार्मिक, आध्यात्मिक कार्यक्रम बुधवार को शुरू हुए। दोनों उपासरों में अष्टानिका प्रवचन (आठ दिवसीय) व प्रतिक्रमण,सामयिक, जप व तप का धार्मिक व आध्यात्मिक अनुष्ठान के कारण उपासरे छोटे पडें। उपासरों में टेंट तनवाएं गए तथा एल.ए.डी. टी.वी.लगाएं गए।
जैनाचार्य जिनचन्द्र सूरिश्वरजी ने कहा कि पर्युषण दो शब्दों मिलकर बना है-परि और उषण। ’’परि’ का अर्थ है चारों तरफ से और ’उषण’ का तात्पर्य है-रहना। अर्थात चारों तरफ से मन को उठाकर आत्मा के पास रहना। बैर, वैमनस्य को दूर कर मैत्री और जीव मात्र के प्रति करुणा,दया व अभय के भाव रखना। उन्होंने कहा कि दृढ़ संकल्प के साथ परमात्म,आत्म चिंतन, आत्ममंथन करें। मुमु़़क्षु विकास चौपड़ा व अंजलि राखेचा ने जैनाचार्य के जीवन में घटित आध्यात्मिक घटनाओं से अवगत करवाया।
सुगनजी महाराज का उपासरा बना आध्यात्मिक साधना स्थल
रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की साध्वीश्री मृगावती, सुरप्रिया व नित्योदया के सान्निध्य में पर्वाधिराज पर्युषण के प्रथम दिन से ही उपासरा साधना, आराधना, देव,गुरु व भक्ति से आध्यात्मिक साधना स्थल के रूप् मं प्रवर्तित हो गया। सुबह से शाम तक अनेक श्रावक-श्राविकाएं आयम्बिल, उपवास, बेला, तेला व अट््ठाई का तप और सामयिक (साधु-साध्वीश्री साधना) करते हुए अपने आत्म व परमात्म स्वरूप् को पहचाने के लिए प्रयास व पुरुषार्थ कर रहे है। मणिप्रभ सूरिश्वरजी व साध्वीवृंद की प्रेरणा से ’आज मेरे प्रभु घर आएं’’ विशेष कार्यक्रम शुरू किया गया। बुर्जुग, लाचार, बीमार व वृद्धजनों के घर जाकर परमात्मा की पूजा करवाई। उपासरे में व देव मंदिरों में नहीं आ पाने वाले बुजुर्गों ने पूजा कर व साध्वीवृंद से मंगलपाठ सुनकर अपने आप को धन्य बताया।
साध्वीजी मृगावतीजी ने प्रवचन में कहा कि पर्युषण पर्व के आख्यान सुनकर जीवन में मैत्री,बंधुत्व, अहिंसा, जीवों के प्रति दया व करुणा के भाव को जीवन में बिलाएं। अपने आत्म व परमात्म स्वरूप् को पहचाने तथा अपने स्वभाव मेंं आएं। ’’आत्म सर्वभुतेषु’’ आत्मचिंतन,मनन करते हुए जैनाभाव से समताभाव रखें। इस अवसर पर सामूहिक प्रार्थना ’’ महावीर बोलो बोलो’’ की गई । बिना पानी पीएं 14 दिन का उपवास की तपस्या करने वाले कन्हैयालाल भुगड़ी की तपस्या की अनुमोदना की गई। पोस्टर का विमोचन सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, केयूप के राजीव खजांची, चातुर्मास व्यवस्था समिति के निर्मल पारख ने किया। कल्पसूत्र की बोली का लाभ राजेन्द्र कुमार लूणियां ने लिया।
भगवान आदिनाथ मंदिर में पूजा व अंगी
पर्युषण पर्व के दौरान नाहटा चौक के भगवान आदिश्वरजी के मंदिर में नियमित विशेष अंगी व भक्ति का कार्यक्रम होगा।