
बीकानेर, मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान बीकानेर एवं गीताभवन रामस्तम्भ ऋषिकेश” के संयुक्त तत्वावधान मे “श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा वाचन कथा स्थल “गीताभवन रामस्तंम्भ”ॠषिकेश” में बालसंत श्रीछैल बिहारी जी महाराज के मुखारविंद से कथा वाचन किया जा रहा हे।छठवें दिवस भागवत पूजन महाराष्ट्र अकोला के यजमान ङाक्टर सुषमादेवी,मालतीदेवी, मनुमल पारदासानी परिवार द्वारा” करवाया गया।तत्पश्चात बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने पंचाध्याई महारास प्रसंग की विस्तृत व्याख्या करते हुए बताया,कि जीव रुपी गोपी ओर परमात्मा रुपी ईश्वर के विशुद्ध मिलन की लीला का नाम ही है महारास प्रसंग” बालसंत ने कहा कि भगवान की इस महारास लीला को काम की लीला समझने वाले पाप के भागी बनते हे। उपरोक्त महारास प्रसंगलीला काम पर विजय प्राप्ती का सबसे बडा संदेश कहलायी। भागवत जी के इस प्रसंग को समझने मे बङे बङे अम्लात्मा महात्मा भी पंचाध्याई महारास प्रसंग की गहराई को समझते समझते मोह को प्राप्त हो गये।।तत्पश्चात”भागवत कथा संस्थान के नितेश आसदैव ने बताया की.. कथा समिति में सीमा पुरोहित,अनिल सविता पारीक, नितेश आसदेव,आदि सेवा प्रभार संभाले हुए है।।