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बीकानेर/ जयपुर। जैविक उत्पादन से किसानों की आय में वृद्धि हो इसके लिए राज्य सरकार निरंतर इस दिशा में प्रयास कर रही है। जैविक खेती करने वाले किसानों को उनकी फसल का 20 प्रतिशत एमएसपी अधिक मिले इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। इसके अलावा प्रदेश को पूर्ण जैविक राज्य बनाने तथा गोपालन को बढावा देने के लिए पशुपालकों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। यह बात कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने शनिवार को श्रीपिंजारापोल गोशाला परिसर के सुरभि भवन में भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ के सौजन्य में आयोजित राष्ट्रीय किसान सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में कही। इसके साथ ही बीकानेर के पत्रकार राजेंद्र सेन सहित देशभर के 20 पत्रकारों को सनराइज जर्नलिज्म अवार्ड दिया गया।
लालचंद कटारिया ने कहा कि-एक जमाना था जब घर में पहली रोटी गाय के लिए बनती थी वर्तमान में परिस्थितियां बदली हैं, हमें फिर से अपनी पुरानी परंपराओं की तरफ लौटना पड़ेगा तभी हम सब बच पाएंगे। उन्होंने कहा कि हमें जैविक खेती को एक अभियान के रूप में लेना होगा। राजस्थान में पानी की कमी है लेकिन सरकार ने डिग्गी, फार्म पौंड के माध्यम से किसानों को अनुदान दिया है यही कारण है कि अधिकतर खेतों में डिग्गी और फार्म पौंड बने हुए हैं। किसान अतिरिक्त पानी उनमें इकट्ठा कर जरूरत होने पर सिंचाई कर रहा है। मंत्री कटारिया ने कहा कि आधुनिक तकनीक का जमाना है। किसानों को आधुनिक तकनीक के माध्यम से अब कार्य करने की जरूरत है क्योंकि किसान की जोत सीमित हो गई है, इसलिए तकनीक से यदि कार्य किया जाएगा तो नि:संदेह उत्पादन और उत्पादकता दोनों बढ़ेगी। सरकार किसान को उसकी लागत का पैसा देने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। इसके अलावा हर किसान को राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए ताकि उसे समय पर सहायता मिल सके। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार पूरा सहयोग करेगी। इस दौरान ओएफपीएआई की ओर तैयार की गई देश में पहली बार गाय के गोबर से चूड़ी बनाई गई जिसमें लाख के साथ 40 फीसदी गाय का गोबर इस्तेमाल किया गया है। इस चूड़ी को कृषि मंत्री द्धारा लांच किया गया, इसे शीघ्र ही बिक्री के लिए बाजार में उतारा जाएगा।
विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 68 जनों को सम्मानित किया गया। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि समारोह में राजस्थान गौ सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष महंत दिनेश गिरी महाराज, राष्ट्रीय संत श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी हितेश्वरनाथ महाराज ने प्रोफेसर डॉ. महेश चंद्र, डॉ. अरूणचंदन,पत्रकारिता में डॉ. महेंद्र मधुप, प्रो. डॉ. विष्णु शर्मा, ताराचंद बेलजी, जगदीश लाल सैनी, मुकेश अग्रवाल, कैलाश चौधरी व मिथलेश जैमनी को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया।
इसी तरह 13 नवाचारी किसानों को जैविक किसान अवार्ड दिया गया, इनमें केशव देव, शेर सिंह, रणवीर सिंह डोटासरा, चैन सिंह जोधा, रतनलाल डागा, मदनलाल देवड़ा, किशोर कुमार राजपूत, लेखराम, हनुमानराम गुरु, विक्की यादव, श्यामसुंदर शर्मा, उर्मिला धारणिया, कान सिंह निर्वाण, प्रोग्रसिव फार्मर अवार्ड से रामचंद सैनी, पुष्पेद्र शर्मा, मनोज खंडेलवाल, डॉ. एल.एन. श्रीवानी, जयदीप पारीक, बालमुकंद डांगी को सम्मानित किया गया।
कृषि पत्रकारिता में वीरेंद्र परिहार, लता खंडेलवाल, रामकिशन शर्मा, चैतन्य शर्मा, चैतन्य मीणा, डॉ. प्रवीण कुमार, राजेश कुमार सैनी, राजेंद्र कुमार, मनीष शर्मा, शिप्रा यादव, भगवान सहाय यादव, शालू अग्रवाल, डॉ. रामभजन कुमावत, दिनेश कुमार सैनी, विजय रानी शर्मा, काका सिंह, अमित बैजनाथ गर्ग, गीता यादव, विजय कुमार केडिया, योगेंद्र शर्मा को सनराइज जर्नलिज्म अवार्ड से नवाजा गया।
समारोह के दौरान सुकुमार सरकार, वरूण सिंगला, कृष्ण गुप्ता, सीताराम पाटीदार, विपिन सरीन, अंकित जैन, रश्मि भार्गव, हर्षिता गोयल, डॉ. जगदीश प्रसाद गुर्जर व डॉ. धर्मेंद्र शर्मा को इंटरप्रिन्योर अवार्ड दिया गया। रिसर्च सांइटिस्ट अवार्ड डॉ.रोहांगीज़ हयाती दहिया, डॉ. सुनीता सिंह धवन, वुमन सोशल एक्टिविस्ट अवार्ड हेमलता गांधी, एग्रो डिजायनर अवार्ड दीपक शर्मा को देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा प्रदेश की पांच गोशालाओं श्रीपिंजरापोल गोशाला, जयपुर, रामदेव गोशाला, बगरू, श्रीबालाजी गोशाला संस्थान, सालासर, जय अंबे मां गोशाला, जाखन, गोलिया धाम, चौमू तथा पथमेड़ा गोशला, सांचौर को गोशाला गौरव पुरस्कार-2022 से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में ये भी रहे मौजूद
कार्यक्रम के संयोजक प्रशांत चतुर्वेदी ने बताया कि समारोह में रेगिस्तानी पौधे को पूरे जीवन काल में 1 लीटर पानी से पनपाने की तकनीक विकसित करने वाले नवाचारी किसान वैज्ञानिक व पद्मश्री से अलंकृत सुंडाराम वर्मा, जैविक कृषि पर आधारित सब्जियों में प्रति पौधे से प्राप्त उत्पादन का विश्व रिकॉर्ड स्थापित कर देश का नाम रोशन करने वाले पदमश्री जगदीश प्रसाद पारीक, नेशनल मेडिशनल प्लांटस बोर्ड के रीजनल डायरेक्टर, नॉर्थन रीजन-प्रथम डॉ. अरूणचंदन व बोर्ड के सदस्य डॉ. राजाराम त्रिपाठी, राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ वेटेनरी एंड एनिमल सांइसेज, बीकानेर के पूर्व कुलपति डॉ. विष्णु शर्मा, पदमश्री हुकमचंद पाटीदार, जैविक खेती के लिए देशभर में साइकिल पर भ्रमण के लिए निकले सोनीपत (हरियाणा) के नीरज प्रजापति भी मौजूद रहे।

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