भगवान और भक्त का अटूट नाता होता है भगवान अपने भक्तों की रक्षा करने को लेकर दिन और रात के समय का इंतजार नहीं करते हैं और तत्काल दौड़े आते हैं और वे भक्तों की रक्षा करते हुए उन्हें भवसागर को पार करवा देते हैं यह विचार शनिवार को बागड़ी शिव मंदिर के पास चल रही तीन दिवसीय कृष्ण कथा के अंतिम व्यासपीठ पर विराजमान भागवताचार्य कन्हैया लाल पालीवाल ने भागवत कर कृष्ण कथा के दौरान व्यक्त किए*
प्रभु प्रेमी कन्हैयालाल पालीवाल ने कहा कि अहंकार और अभिमान मनुष्य के पतन का मुख्य कारण है हमें निर्मल बनकर समाज के वंचित और शोषित वर्ग की सेवा करनी चाहिए ताकि हम सदकर्म करते हुए प्रभु सेवा की आराधना कर सके।
श्रीकृष्ण कथा के तीसरे व अंतिम दिन भागवताचार्य पालीवाल ने कहा कि वर्तमान समय में महिला और पुरुष का लिंग अनुपात घट रहा है कोख में बेटियों की हत्या हो रही है हम सब को आगे बढ़कर इसे रोकना होगा बेटी एक घर नहीं दो घर का चिराग होती है और बाद में मां बनकर अपने परिवार और बच्चों को अच्छे संस्कार देकर समाज में उन्हें आगे बढ़ाने में मुख्यधारा का काम करती है।
वर्तमान में गाय माता में चल रहे लम्पी स्किन बीमारी के बारे में उन्होंने धर्म प्रेमी सज्जनों से आह्वान किया कि गौ माता में जो यह खतरनाक बीमारी फैल रही है इससे हमें सब को आगे बढ़कर अपने प्रयास करने होंगे और आयुर्वेदिक जो उपचार बताया गया है उसे घर-घर पहुंचाना है तभी गौ माता की रक्षा हो सकेगी।
कृष्ण कथा के दौरान भगवान श्री कृष्ण का गोकुल से मथुरा जाना और वहां 11 साल की उम्र में अपने मामा कंस का वध करके बुराइयों का अंत करना सुदामा चरित्र सहित अनेक प्रकार के प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया गया।
श्री कृष्ण कथा के अंतिम दिन वहां लगा पंडाल खचाखच भर गया लोग श्री कृष्ण कथा का रसपान करने को लेकर बाहर सड़कों पर खड़े हुए भागवत कथा का श्रवण कर रहे थे।
*गोसेवार्थ दो लाख 25 हज़ार रु गौशालाओ में भेंट किये गए*
तीन दिवसीय श्री कृष्ण कथा में सवा दो लाख से ज्यादा रुपए गौ सेवार्थ इकट्ठा किए गए थे व आज नोखा की गंगा गौशाला, नंदी शाला, कवलीसर गौशाला, काकड़ा गौशाला, बजसेऊ गोशाला, सोवा गोशाला, बम्बू गोशाला और श्याम मित्र मंडल ओर अन्य गो सेवी संस्था को वहाँ कार्यक्रम स्थल पर सौपे गए।भागवताचार्य प्रभु प्रेमी पालीवाल महाराज ने गोसेवी संस्थाओं से आग्रह किया की इस राशि का उपयोग वे लम्पी स्किन बीमारी में काम लेवे।
श्री कृष्ण कथा के अंतिम दिन पूर्व संसदीय सचिव कन्हैया लाल झवँर, नोखा प्रधान प्रतिनिधि आत्माराम तरड़, पालिका उपाध्यक्ष निर्मल कुमार, संगीत टीम प्रभारी नरेंद्र राजपुरोहित, राधेश्याम लखोटिया, राकेश पालीवाल, एस के झवँर, जुगल तिवाड़ी नेमी चंद तोषनीवाल सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
अध्यापक के रूप में सरकारी क्षेत्र में सेवा देने वाले प्रभुप्रेमी महाराज ने 78 माह बाद अब श्रीकृष्ण कथा का वाचन किया है पूर्व में वे देश के सभी राज्यो ओर विख्यात धर्म स्थलों पर कथा का वाचन कर चुके हैं जिनके लाखों हरि भक्त हैं खराब स्वास्थ्य से स्वस्थ होने के बाद 78 माह बाद हुई श्रीकृष्ण कथा में तीन दिन में राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, असम, नागालेंड सहित अनेक राज्यो के अनुनायी कथा में शामिल हुए और गौमाता में फैल रही घातक बीमारी में अपना योगदान दिया।