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बीकानेर,शहर के वेटरनरी विश्विद्यालय प्रांगण में 22 अगस्त को क्षत्रिय युवक संघ के अनुषांगिक संगठन प्रताप फाउंडेशन के बैनर तले किसान सम्मेलन होना प्रस्तावित है।

किसान सम्मेलन के विरोध में सामाजिक न्याय मंच के सुप्रीमो एवं पूर्व सिंचाई मंत्री देवीसिंह भाटी ने विरोध के स्वर मुखर किये हैं।

देवीसिंह भाटी ने कहा कि राजधानी में कुछ समय पहले राजपूत समाज को इकट्ठा करके कुछ तथाकथित राजनीतिक लोगों ने अपना उल्लू सीधा करने का काम किया था, उन्होंने पहले तो गमराह करके राजपूत युवा युवतियों को इकट्ठा किया एवं बाद में अपनी राजनीतिक शिष्यों को प्रमोट करने के लिहाज से मंच से भाषण करवाए एवं उनके सम्बोधनो से खुद को धन्यवाद ज्ञापित करवाए यह दम्भ नहीं है तो क्या है।
अब वे सामाजिक न्याय मंच के विचारों को कट कॉपी पेस्ट करके किसान सम्मेलन नाम से अपने हित साधना चाहते हैं लेकिन उनके मनसूबे कामयाब नहीं होंगे यह युवाओं को समझना चाहिए।

इतिहास कभी भी सामाजिक न्याय मंच के योगदान को बिसरा नहीं सकता, इन्होंने जब 36 कौम एक थी तब जयपुर में क्या किया था सबको आज भी याद है।
देवीसिंह भाटी ने कहा कि भावुक एवं आध्यात्मिक बातों से युवाओं को बरगला कर पथ भृमित करने का काम किया जा रहा है।
देवीसिंह भाटी ने कहा कि इनका विजन विथ रीजन नहीं है सबको समझना चाहिए।
यह नकली एवं बनावटी लोगों का जमावड़ा मात्र है जो अपने मतलब के लिए 36 कौम के युवाओं का राजनीतिक इस्तेमाल करना चाहते है।
भाटी ने कहा कि यह संघ एक काम बता दे जो राजपूतों या 36 कौम के लिए किया हो तो, क्षत्रिय परिवारों में संस्कार निर्माण तो संयुक्त परिवारों में होता आया है यह ख्याली बाते करके अपनी आइडियालोजी को कोरे युवाओं के मन मस्तिष्क पर छापना चाहते हैं यह खतरनाक है।
देवीसिंह भाटी ने बीकानेर के युवाओं को ऐसे संगठनों की नीति समझने का आग्रह किया है एवं पूर्ण सतर्कता बरतते हुए, इस संगठन द्वारा पूर्व में किये गए कृत्यों से सबक लेने की बात कही है।
देवीसिंह भाटी ने कहा कि सामान्य वर्ग के आर्थिक पिछड़ों को 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए भी सामाजिक न्याय मंच का लम्बा संघर्ष है, भाटी बोले यह मंच के हजारों कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत, त्याग का परिणाम है।
देवीसिंह भाटी ने कहा कि बीकानेर के लोगों को अतीत को नहीं भूलना चाहिए यह लोग खाली अपने मतलब के लिए आयोजन कर रहे हैं इनकी मंशा साफ है जयपुर की तर्ज पर लोगों के सिर गिनाकर अपने सियासी हित साधने है मात्र, इनकी योजनाओं से दूर रहने में ही भलाई है।

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