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बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान बीकानेर एवं गीताभवन रामनाम स्तम्भ ऋषिकेश” के संयुक्त तत्वावधान मे “श्रीमद् भागवत कथा” का भव्य आयोजन का शुभारंभ बालसंत श्रीछैल बिहारी महाराज द्वारा प्रथम दिवस की ‘भागवत कथा के महात्म्य, द्वारा श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा का शुभारंभ हुआ। संस्थान के नितेश आसदेव ने बताया। कि आज भागवत कथा शुभारंभ से पूर्व “लक्ष्मीनारायण मंदिर गीताभवन ऋषिकेश” से भव्य कलशयात्रा संत मनुजी महाराज के सानिध्य”में “कथा स्थल रामस्तंम्भ ऋषिकेश” तक कृष्णनाम संकीर्तन के साथ निकाली गई ।कलश यात्रा में बालसंत श्रीछैल बिहारी महाराज का गीता भवन के धर्मपरायण सेवाभावी गौरीशंकर मोहता ओर मालती मनुमल पारदासानी, संगीतादेवी,शोभादेवी एवं कृष्णगोपाल अन्नू अरोड़ा के द्वारा बालसंत जी को माल्यार्पण कर कृष्णा नाम का पटका ओढ़ाकर गीताभवन मंदिर मे स्वागत सम्मान किया गया।प्रथम दिवस की कथा वाचन से पूर्व “अकोला महाराष्ट्र के यजमान मालती मनुमल परदासानी ने भागवत एवं व्यास तिलक पूजन करवाया गया। पहले दिन की कथा का वाचन करते हुए बालसंत श्रीछैल बिहारी जी महाराज ने कथा महात्तम्य प्रसंग द्वारा सात दिवसीय कथा श्रवण की विधि के बारे में बतलाया। तत्पश्चात भक्ति ज्ञान वैराग्य के बारे में बतलाते हुए बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने बताया। कि “समर्पणात्मक भक्ति ही सर्वश्रेष्ठ फलदाई” क्योकि “इच्छाओं के वशीभुत स्वार्थपूर्वक की गई भक्ति क्षणभंगुर होती है”।अतः “प्रत्येक जीवात्मा को परमात्मा की भक्ति निस्वार्थ भाव से करनी चाहिए”।कथा प्रभारी अनिल पारीक ने बताया कि कथा सेवा समिति मे सीमा पुरोहित,अनिल सविता पारीक, राधेश्याम नागल,नितेश आसदेव आदि अपनी सेवा दे रहे है।

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