बीकानेर.जिले में रेल गाड़ी की चपेट में आकर हर दिन लोग जान गंवा रहे हैं। महज पखवाड़े भर के आंकड़ों की बात करें, तो जिले में रेल से आठ हादसे हुए, जिनमें आठ लोग जान से हाथ धो बैठे। वहीं एक व्यक्ति गंभीर घायल हुआ है, जिसका पीबीएम अस्पताल में उपचार चल रहा है। रेल से होने वाले हादसों को लेकर जिला पुलिस, जीआरपी, रेलवे पुलिस एवं रेल प्रशासन के पास फिलहाल कोई योजना नहीं हैं।
यह हैं हादसे के ब्लैक स्पॉट
शहर के चौखूंटी फाटक, बाबूलाल फाटक व लालगढ़ रेलवे स्टेशन की वाशिंग लाइन के पास अक्सर रेल से कटने के मामले सामने आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में नोखा का नवलीगेट, श्रीडूंगरगढ़ रेलवे स्टेशन, बिग्गा के पास, लूणकरनसर रेलवे स्टेशन आदि जगहों पर अक्सर हादसे होते रहते हैं।
हाल ही में हुए ये रेल हादसे
10 अगस्त को दो सगे भाई बाबूलाल फाटक से लालगढ़ की तरफ जाते हुए ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे एक की मौत हो गई जबकि एक गंभीर घायल है।
सरदारशहर निवासी विनोद कुमार की 14 अगस्त की रात को चौखूंटी फाटक के पास ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई।
गंगाशहर थाना क्षेत्र के पवनपुरी में बिजली कर्मचारी सुन्दरलाल बिश्नोई की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई।
श्रीडूंगरगढ़ में 15 अगस्त को ट्रेन से कटने से बिग्गा निवासी गणेश व्यास की मौत हो गई।
लूणकरनसर में दो अगस्त को एक व्यक्ति कट गया।
नापासर थाना क्षेत्र के सींथल गांव के पास 14 अगस्त को सींथल निवासी केदारराम नायक ट्रेन की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
लालगढ़ रेलवे स्टेशन के पास 18 अगस्त की सुबह ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
जामसर में एक युवक ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवा चुका है।
खुद जागरूक होंगे तभी रुकेंगे हादसे
जानबूझ कर जान देना गलत है। पुलिस प्रशासन की आमजन से अपील है कि तनाव व परेशानी है, तो परिजनों व दोस्तों से बातचीत कर उसका हल निकालें न कि सुसाइड जैसा कदम उठाएं। इन दिनों रेल से कटने के मामले चिंताजनक हैं। पुलिस आमजन को आत्महत्या जैसा कदम उठाने से रोकने के लिए जागरूक करती है।
अमित कुमार बुड़ानिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर
इनका कहना है…
रेल पटरियों की सुरक्षा सहित शहरी क्षेत्रों में िस्थत रेल फाटकों की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रेल प्रशासन गंभीर है। रेल पटरियों पर बैठना व चलना कानूनन अपराध है। रेल ट्रैक काफी बड़ा है। ऐसे में सभी जगह सुरक्षा हो नहीं सकती है। ऐसे में आमजन जीवन का मूल्य समझे और पटरियों से दूरी रखे।
राजीव श्रीवास्तव, डीआरएम बीकानेर