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बीकानेर साधुमार्गी जैन संघ में आचार्यश्री रामलालजी म.सा., उपाध्याय राजेश मुनि व साध्वीवृंद की प्रेरणा से गंगाशहर की सुश्री दिव्या पारख, बीकानेर की सुश्री कविता बुच्चा 22 अगस्त को व देशनोक की सुश्री मुस्कान बरड़िया 11 अक्टूबर को भागवती दीक्षा ग्रहण कर जिनशासन में समर्पित होगी। इन तीनों मुमुक्षुओं की दीक्षा से संघ में साध्वियों की संख्या 453 हो जाएगी। मुमुक्षुओं की भव्य ’’बनौळी’’ रविवार को सेठिया कोटड़ी से छबीली घाटी के सेवा सदन तक गाजे-बाजे से राश्ट्रीयता व जिन शासन में समर्पण, आस्था व श्रद्धा के साथ निकली। शोभायात्रा में श्रावक-श्राविकाओं ने तिरंगें बैच लगाएं हुए थे तथा राश्ट्रीय ध्वज लिए हुए थे। अभिनंदन स्थल पर भी यही नजारा था। कार्यक्रम के समापन पर राश्ट्रीय गीत गाया गया।
शोभायात्रा से पूर्व सेठिया कोटड़ी में हुए कार्यक्रम में साध्वीश्री सोहमजी ने संयम के महत्व को उजागर किया। संजयमुनि ने कहा कि शांति के मार्ग पर आगे बढ़ने का सबसे बड़ा साधन संयम है। संयम पथ चलने वालों के जीवन में आत्मिक, परमात्मिक आनंद मिलता है। सेठिया कोटड़ी से रवाना हुई शोभायात्रा विभिन्न जैन बहुल्य मोहल्लों से होते हुए सेवा सदन पहुंची। बैंड नवंकार महामंत्र की धुन बजा रहा था, दो घोड़ों पर संवार रोबिले तिरंगा व पंचरंगी जैन ध्वज लिए हुए आगे बढ़ रहे थे। समता बालक एवं बालिका मंडल, समता युवा संघ के सदस्य सफेद गणवेश में तिरंगा हाथ थामें हुए थीं । वहीं साधुमार्गी महिला मंडल की सदस्याएं, समता बहु मंडल की सदस्याएं केशरिया गणवेश में मुमुक्षु सुश्री दिव्या पारख के साथ पैदल नारे लगाते हुए और गीत गाते हुए चल रही थीं। ’’ त्रिशला नंदन वीर की जय बोलो महावीर की’’, ’’जय-जयकार, रामगुरु की जय-जयकार’’, ’संसार खारो लागै, वैराग प्यारो लागै,, म्हारी छोटी सी वैरागण ने वैराग प्यारो लागै’’। अनुशासित शोभायात्रा में मुमुक्षु सुश्री कविता बुच्चा व मुस्कान बरड़ियां विंटेजकार में शोभायात्रा की शोभा को क्ष्गिणित कर रहीं थी। संयम अनुमोदन यात्रा में मासखमण (एक माह केवल सीमित जल ग्रहण कर उपवास करना ) सुश्रावक देवेन्द्र सोनावत विंटेजकार में नवंकार महामंत्र का जाप कर रहे थे। तपस्वी के पीछे साधुमार्गी जैन सेवा समिति बीकानेर के अध्यक्ष कन्हैयालाल बैद, मंत्री राजेन्द्र गोलछज्ञ के नेतृत्व में सभी सदस्य हर्शित भावों के साथ गतिशील थे। सेठिया कोटड़ी में शोभायात्रा से पूर्व सभी मुमुक्षुओं व तपस्वियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। इस अवसर पर नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका, उद्योगपति बसंत नवलखा सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।
संघ के प्रचार मंत्री हेमंत कुमार सिंघी ने बताया कि तीनों मुमुक्षुओं ने अभिनंदन समारोह में गीतिका के साथ दृढ़ संकल्प के साथ भगवान महावीर के पांच महाव्रत धारण कर संयम मार्ग पर चलने का संकल्प दोहराया। इस अवसर पर तपस्वी देवेन्द्र सोनावत, संघ संरक्षक जयचंद लाल डागा, जयचंद लाल सांड, संघ के अध्यक्ष कन्हैयालाल बैद, महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती पुश्पादेवी बांठिया, सुशील बैद, सुशील बच्छावत व गणमान्य लोगों ने विचारों के माध्यम से मुमुक्षुओं के प्रति मंगल भावना व्यक्त की। अक्षिता वैद व अलका डागा ने सुमधुर स्वरों में गीतिका प्रस्तुत की। समारोह में मुमुक्षुओं के माता-पिता देशनोक की चन्द्रादेवी व मोतीलाल बुच्चा, देशनोक मूल के बीकानेर प्रवासी तारादेवी-आसकरण बरड़िया व गंगाशहर के की जयश्रीदेवी व हनुमानमल पारख का अभिनंदन किया गया। पूर्व में रांगड़ी चौक क्षेत्र की मालू कोटड़ी में 21 जुलाई को 15 तपस्या के साथ दीक्षा व संथारा लेने वाली श्रीमती किरण देवी झाबक, (साध्वीश्री कृतार्थ श्रीजी महाराज) उनके सांसारिक पुत्र महावीर झाबक व परिजनों संघ की ओर से अभिनंदन किया गया। साध्वीश्री कृतार्थश्रीजी का संथारा गतिमान है, रविवार को 25 वें दिन की अनुमोदना की गई।

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