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बीकानेर,अखिल आदिवासी मीणा महासभा राजस्थान की ओर 28 वा विश्व आदिवासी दिवस आनंद निकेतन मुख्य डाकघर के पास बीकानेर में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। महासभा के संयोजक मोहर सिंह सलावद ने बताया की कार्यक्रम की अध्यक्षता पीबीएम अस्पताल के सीनियर फिजीयशन डॉ. मनोज कुमार मीणा, मुख्य अतिथि अधीक्षण अभियंता विद्युत (जिला वृत्त) राजेंद्र सिंह मीना रहे। अति विशिष्ट अतिथि के रूप में पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय बीकानेर के वरिष्ट सहायक आचार्य डॉ. सुरेश कुमार झीरवाल ,अतरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी खाजूवाला रामपताप मीणा व अजजा जजा महासंघ के जिलाध्यक्ष श्याम सुंदर बिश्नोई रहे । आदिवासी दिवस पर वक्ताओं ने आदिवासी समुदाय के विकास के लिए आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में समाज के कक्षा 10वी, 12वी व प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित अभ्यर्थियों सहित समाज के कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर सहयोग करने वाले कर्मचारी/अधिकारियों व कला साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले युवाओं सहित 101 प्रतिभाओ को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया व प्रकृति संरक्षण के लिए सार्वजनिक स्थानों पर 31 पौधे लगाएं।। कार्यक्रम में समाज की महिलाओं द्वारा आदिवासी भेषभूषा में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में लेखिका व साहित्यकार कांता मीना ने महिलाओ से कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर भाग लेने व आदिवासी दिवस पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में महासभा के प्रदेश संयोजक मोहर सिंह सलावद ने महासभा की वार्षिक योजना प्रस्तुत की व कहा की आदिवासी समुदाय के लिए धर्म वाले कॉलम में आदिवासी एड किया जाएं हम जल जंगल जमीन की रक्षा करने वाले हैं। राज्य सरकार ने राज्य में राजकीय अवकाश घोषित किया है राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की गई। समारोह में बीकानेर जिला मुख्यालय पर आदिवासी समुदाय को अभी तक जमीन नहीं मिली है इसलिए हर बार समाज के आयोजन किराए के भवन या पार्कों में करने पड़ते है इसलिए समाज के लिए जमीन आवंटन की मांग रखी गई। समाज में व्याप्त कुरूतियो को दुर करने का निर्णय सर्वसहमति से लिया गया।महासभा के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार मीणा व जिला संरक्षक मदन लाल मीणा ने सभी का आभार व्यक्त किया।मंच संचालन पवन कुमार ने किया।आदिवासी दिवस समारोह में महासभा के प्रदेश संयोजक मोहर सिंह सलावद,जिला संरक्षक मदन लाल मीणा,जिलाध्यक्ष मनोज कुमार मीणा, डॉ. मनोज कुमार मीणा, डॉ. सुरेश झीरवाल, अधीक्षण अभियंता राजेंद्र सिंह मीना, रामप्रताप मीना,श्याम सुंदर बिश्नोई,सत्यवीर,हनुमान प्रसाद, हरीओम मीणा,लोकेश कुमार मीणा,भीम सिंह मीना,महेंद्र मीना, घनश्याम, भगवान सहाय, नवरतन मीना,रमेश मीणा, मनरूप मीना, योगेंद्र मीना, करणीराम मीना,अनीश मीना, सीताराम,गोपाल, सहित पांच सौ से अधिक आदिवासी समुदाय के महिला पुरुष मौजुद रहे।

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