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बीकानेर, गौवंश में वायरस जनित लम्पी स्किन डिजीज की स्थिति की समीक्षा के लिए गुरूवार को जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल के निर्देशानुसार पूगल, छत्तरगढ़, श्रीकोलायत, बज्जू व लूणकरनसर क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के. ने श्रीकोलायत, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ओमप्रकाश ने पूगल व छत्तरगढ़, महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चौधरी ने लूणकरनसर तथा उपनिवेशन विभाग के उपायुक्त कन्हैया लाल सोनगरा ने बज्जू में स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों की बैठक ली। अधिकारियों द्वारा संक्रमण की स्थिति, उपचार, दवाओं की उपलब्धता व रोकथाम के लिए जनजागरूकता गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस दौरान अधिकारियों ने पशुपालकों के घरों का दौरा भी किया। स्थिति पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अधिकारियों को सतत रूप से फील्ड में रहने के निर्देश दिए गए। जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के. ने कहा कि लम्पी डिजीज से संक्रमित पशुओं की सूचना तुरंत प्रशासन को दी जाए तथा इन पशुओं को आइसोलेट किया जाए। अधिकारियों ने नियंत्रण कक्ष के सुचारू रूप से कार्य करने तथा कंट्रोल रूम व पशु चिकित्सकों का मोबाइल नम्बर आमजन के लिए उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही संक्रमित स्थलों पर नियमित छिड़काव के लिए भी ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
*शुक्रवार से जन जागरूकता के लिए चलेगा विशेष अभियान*
कृषि विभाग के अधिकारी भी लंपी स्किन डिजीज के प्रति गांव-गांव में जागरूकता का अभियान चलाएंगे। उपनिदेशक कृषि (विस्तार) कैलाश चौधरी ने बताया कि विभाग के 140 पर्यवेक्षक और 17 सहायक कृषि अधिकारी, ग्रामीण क्षेत्रों में रोग के लक्षण, उपचार, बचाव, दवाओं की जानकारी देंगे। इस सम्बंध गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इसमें कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. उदयभान, पशुपालन के उपनिदेशक डॉ. वीरेंद्र नेत्रा, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ मौजूद रहे। इस दौरान गायों को इस बीमारी से बचाने के लिए पशुपालन विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन से भी अवगत करवाया गया।
*पशु चिकित्सालयों तक भिजवाई गई दवाइयां*
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. नेत्रा ने बताया कि जिला कलक्टर के निर्देशानुसार जिले के समस्त प्रभावित क्षेत्रों में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करवाई जा रही है। कोलायत और बज्जू में अतिरिक्त दवाएं भिजवाई गई हैं। आवश्यकता के अनुसार और आपूर्ति करवाई जाएगी।
डॉ नेत्रा ने बताया कि जिला, पंचायत समिति व तहसील स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। प्रभावित क्षेत्र के सर्वेक्षण व उपचार के लिए ब्लॉक स्तरीय रैपिड रेस्पॉन्स टीमें गठित की गई हैं। सभी संस्था प्रभारियों को अपने क्षेत्र की गोशालाओं के नियमित निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। पशुओं को आइसोलेट रखकर उपचारकी कार्यवाही की जा रही है। साथ ही पशुओं के आश्रय स्थलों पर छिड़काव करवाया जा रहा है।

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