Trending Now




बीकानेर,निदेशालय के अधिकारियों ने नासमझी से अनजाने में या जानबूझ प्रधानाचार्य से जिला शिक्षा अधिकारी पद पर प्रमोशन से पहले विवाद खड़ा कर दिया है। शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही निदेशालय पर राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद ( प्रधानाचार्य ) संगठन से जुड़े प्रधानाचार्यों ने धरना दिया। निदेशालय के संयुक्त निदेशक ( प्रशासन) की ओर से गठित कमेटी के निर्णयों की धज्जियां उड़ाई। शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल को उनके नेतृत्व में हो रहे काम को पक्षपातपूर्ण बताया।अंतत: निदेशक ने शिष्टमंडल को न्याय करने का भरोसा दिलाया और रेसा पी को सुनकर निर्णय करने का आश्वासन दिया। प्रधानाचार्य के प्रदेश में दो संगठन है। व्याख्याता से प्रधानाचार्य बने लोग करीब 10 हजार और प्रधानाध्यापक ( हेडमास्टर) से प्रधानाचार्य बने लोग करीब 33 सौ है। कमोबेश 80 प्रतिशत और 20प्रतिशत का अनुपात है। अभी तक व्याख्याता से प्रधानाचार्य बने लोगों का प्रमोशन ज्यादा हो रहा है। संयुक्त निदेशक ( प्रशासन) की ओर से गठित कमेटी के निर्णयों से हेडमास्टर डीईओ में ज्यादा प्रमोट हो सकेंगे। कमेटी ने पुराने वेतन के आधार उन्हें वरिष्ठ माना है। रेसा पी से जुड़ लोगों का आरोप है कि कमेटी में उनका प्रतिनिधि नहीं लिया गया। रेसा पी के चार प्रतिनिधि लिए गए। डीईओ डीपीसी विवाद का विषय क्यों बनी? क्या यह निदेशालय में प्रशासनिक कार्य प्रणाली की विसंगति नहीं है? निदेशक के संज्ञान में संयुक्त निदेशक (प्रशासन) की कमेटी और कमेटी के निर्णय नहीं लाए गए या निदेशक ने ध्यान नहीं दिया। निदेशक अब कमेटी के निर्णयों और कमेटी के ओचित्य का परीक्षण करवाने तथा कमेटी के निर्णय को अंतिम नहीं मानने का भरोसा दिया है। रेसा पी ने मामले को मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के ध्यान में लाएं हैं। संयुक्त निदेशक के खिलाफ नियम विरुद्ध जारी सूचना और अनुशंसा के मामले में कार्रवाई का आग्रह किया है। शिक्षा मंत्री से प्रधानाचार्य पद पर पूर्व वर्षों में हुए डी पी सी में परिवर्तन का गलत प्रयास का आरोप लगाया। इसे निरस्त करने तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया। समिति के निर्णय, अनुशंसा, प्रतिवेदन, अभिमत को निरस्त करने की मांग की है। जब निदेशक ने कह दिया है कि समिति का निर्णय अंतिम नहीं है तो निदेशालय की कार्य प्रणाली में खामियां है। इसे सुधारने की जरूरत है। नहीं तो निदेशक के सामने और विवाद भी खड़े होने है

निदेशालय की कमेटी के निर्णय से प्रभावित हो रहे सैकड़ों की तादाद में रेसा पी के प्रधानाचार्यो ने आपत्तियां दर्ज कराई है

Author