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बीकानेर,अनेक सुविधाएं प्राप्त करने के लिए पेमेंट ऑनलाइन किया जा सकता है तो फिर रिश्वत क्यों नहीं? कुछ ऐसा ही कमाल किया है जयपुर के सचिवालय में काम करने वाले एक कनिष्ठ सहायक ने। श्रीगंगानगर के पदमपुर में रहने वाले एक युवक को इच्छित स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति दिलाने के एवज में बीस हजार रुपए की मांग रखी और ये राशि सीधे फोनपे नंबर देकर मंगवा भी ली।

लेनदेन का ये खेल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की बीकानेर चौकी के हाथ लग गया है। अब पुलिस कनिष्ठ सहायक अरुण कुमार अटल को गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है। आमतौर पर रिश्वत लेने वाले को रंगे हाथों पकड़ा जाता है, इसलिए तुरंत गिरफ्तारी होती है। इस बार नकल ऑनलाइन मंगवाई गई है, जो सीधे बैंक खाते में जमा हुई। बताया जा रहा है कि रिश्वत मांगने का सारी बातचीत भी पुलिस के रिकार्ड में है

दरअसल, श्रीगंगानगर के पदमपुर में रहने वाले साहिल कुमार ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने उसकी नियुक्ति तय कर दी थी। जिसकी फाइल सचिवालय में जलदाय विभाग के संयुक्त शासन सचिव कार्यालय में काम करने वाले कूकस निवासी अरुण कुमार अटल के पास थी। अरुण ने साहिल को मनपसन्द स्थान पर पदस्थापन करवाने के नाम पर बीस हजार रुपए की डिमांड रखी। अरुण की बातचीत को साहिल ने रिकार्ड कर लिया। बाद में श्रीगंगानगर के बजाय बीकानेर स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की चौकी पर उप अधीक्षक रजनीश पूनिया को दी। इसके बाद एसीबी ने इस मामले में कुछ और सबूत जुटाए । साहिल से कहा गया कि वो रुपए फोनपे कर दें। अरुण कुमार के बताए गए नंबर पर बीस हजार रुपए ट्रांसफर किए गए। एसीबी के निरीक्षक आनन्द मिश्रा, हैड कांस्टेबल बजरंग सिंह, नरेंद्र सिंह, कांस्टेबल प्रेमाराम, हरिराम और भगवानदास इस केस में कार्रवाई कर रहे हैं।फिर एक्शन में एसीबी

कल बीकानेर पुलिस अधीक्षक के रूप में देवेंद्र कुमार बिश्नोई के ट्रांसफर के बाद एसीबी फिर सक्रिय गई है। बिश्नोई ने अधिकारियों को हर स्तर पर भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए मीटिंग भी ली है।

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