बीकानेर,गंगाशहर। युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के आज्ञानुवर्ती मुनिश्री शांतिकुमारजी, विद्वान शिष्य मुनि जितेंद्रकुमारजी आदि ठाणा-9 के मंगल सान्निध्य में व्यक्तित्व विकास कार्यशाला के अंतर्गत ‘कैसे सोचेंÓ विषय पर विशेष प्रवचन का आयोजन हुआ। कार्यशाला में मुनिश्री जितेंद्रकुमारजी ने मुख्य उद्बोधन देते हुए कहा कि व्यक्ति का चिंतन जितना सकारात्मक रहता है, उतना ही उसका व्यवहार एवं आचार उन्नत बनता है। हम सोचें तो अच्छा सोचें, सच्चा सोचें और ऊंचा सोचें। सादा जीवन उच्च विचार मानव जीवन का श्रृंगार यह उक्ति हमारे जीवन में चरितार्थ हो यह अपेक्षा है। मुनिश्री ने आगे आनंद श्रमणोपासक के जीवन चरित्र का वर्णन करते हुए बारह व्रतों में आज अदत्तादान अणुव्रत की चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म, संप्रदाय क्यों न हो सभी में झूठ बोलना एवं चोरी को पाप माना गया है। ये दोनों हमारी आत्मा को दूषित करने वाले तत्व हैं। इनसे जितना हो सके बचने का प्रयास करना चाहिए। मुनि अनुशासन कुमार जी ने अपने वक्तव्य में कहा- हमारी सोच पॉजिटिव होनी चाहिए। व्यक्ति जब अनावश्यक चिंतन करने लग जाता है तो फिर मानसिक तनाव एवं प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। हम वर्तमान में जीना सीखें। जिस समय जो कार्य कर रहे हो उस समय उसी कार्य में हमारा चिंतन रहना चाहिए। मैं सुखी बनूं यह चिंतन सभी करते हैं किंतु जो व्यक्ति दूसरों के प्रति भी मंगल की कामना रखता है, सब सुखी बने यह भावना रखता है वह प्रशस्त चिंतन होता है। मुनि अनेकांत कुमार जी ने गीत का संगान कर चिंतन शैली को संवारने के सूत्र बताए। इसके पश्चात कार्यक्रम में तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में तेरापंथ किशोर मंडल द्वारा आयोजित गत शनिवार को हुई मैं भी बनूं प्रतिभावान भाग-2 प्रतियोगिता एवं इंस्टेंट भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया गया। तेरापंथ समाज की संस्थाओं से जुड़े पदाधिकारियों ने प्रतिभावान प्रतियोगिता भाग-2 में प्रथम स्थान प्राप्त मोनिका संचेती, द्वितीय सौंपी डागा, तृतीय विनिता नाहटा आदि को शील्ड एवं पुरस्कार प्रदान किया। तेयुप अध्यक्ष अरूण नाहटा ने सूचनाएं प्रदान की। सहमंत्री मांगीलाल बोथरा ने मंच संचालन किया। आज से प्रतिदिन सायं सवा आठ बजे से मुनि श्री द्वारा भगवान ने कहा पुस्तक पर आधारित सम्यक दर्शन कार्यशाला का भी आयोजन प्रारंभ हो गया है।
आचार्य भिक्षु के जीवन पर आधारित क्विज आयोजित
रात्रिकालीन कार्यक्रम तेरापंथ भवन में तेयुप के तत्वावधान में किशोर मंडल द्वारा तेरापंथ के प्रथम अधिशस्ता आचार्यश्री भिक्षु के जीवन पर आधारित क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सायं सात से आठ सामुहिक सामायिक में मुनिश्री जितेंद्रकुमारजी ने तेरापंथ प्रबोध का व्याख्या पूर्वक विवेचन किया। मुनि सुधांशुकुमार जी ने क्विज के नियम बताए। तत्पश्चात आयोजित इस क्विज में 100 से भी अधिक श्रावक-श्राविकाओं