बीकानेर,जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की साध्वीश्री मृगावतीश्रीजी म.सा,साध्वीश्री सुरप्रियाश्रीजी.व नित्योदयाश्रीजी ने शनिवार को रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे 9 दिनों की तपस्या करने वाली श्रीमती निशा बोथरा तथा छतीसगढ़ जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ सहित विभिन्न संस्थाओं से जुड़े पदाधिकारियों का सम्मान किया गया। रविवार को साध्वीवृंद के सान्निध्य में सुगनजी के महाराज के उपासरे में जैन धर्म के चमकते सितारे नृत्य नाटिका व महावीर भवन में भक्ति संगीत एकासने का आयोजन किया जाएगां ।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, चातुर्मास व्यवस्था समिति के संयोजक निर्मल पारख, मनोज सेठिया, भीखमचंद बरड़िया, पुनेश मुसरफ और विचक्षण महिला मंडल की संयोजक श्रीमती मूलाबाई ने तपस्वी निशा बोथरा, रायपुर के वरिष्ठ श्रावक सुवारस गुलेछा, बालाघाट के अभय सेठिया, बारासिंकी के विजय संचेती, बीकानेर मूल के सूरत प्रवासी पवन पारख का माला, तिलक व शॉल से अभिनंदन किया। रायपुर के वरिष्ठ श्रावक सुवारस गुलेछा, बीकानेर मूल के सूरत प्रवासी पवन पारख आगामी फरवरी आचार्यश्री पीयूष सागरजी म.सा. चातुर्मास के तहत होने वाले उपध्यान तप, शत्रुंजय तीर्थ की नव्हाणु यात्रा एवं खरतरगच्छ सहस्त्राब्दी 1000 वर्ष में होने वाले महोत्सव की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गिरनार नव्हाणु यात्रा (108 यात्रा) महेन्द्र सागरजी व मनीष सागरजी के सान्निध्य में होगी। जिसके मुख्य लाभार्थी श्रीमती आशीबाई व आईदानजी लोढ़ा घमंतरी, रायपुर होंगे।
स्वयं संस्कारिक बने तथा बच्चों को संस्कारी बनाएं- ज्ञाता धर्मसूत्र के माध्यम से साध्वीश्री मृगावती जी.म.सा. ने कहा कि अभिभावक स्वयं संस्कारी बनें तथा बच्चों को धार्मिक व संस्कारी बनाएं। माता-पिता या परिवार का अभिभावक ऐसा कोई भी कृत्य, कार्य व व्यवहार नहीं करें जिससे बच्चों में कुसंस्कार आते हो। अपने पूर्वजों की छवि को बरकार रखें, बरकार नहीं रख सकें तो कम से कम उनको खराब नहीं करें। राजा मांगतुंग व मानवती चरित्र के माध्यम से बताया कि अहंकार व वासना का त्याग कर संस्कार,सरोकार, सहजता, सरलता, सन्मार्ग व समता के मार्ग पर चलें।