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बीकानेर,नकली नोट माफिया गिरोह के खिलाफ बीकानेर पुलिस की बड़ी सर्जिकल स्ट्राईक से देशभर के नकली नोट माफिया जगत में खलबली सी मची हुई है। मामला करोड़ों के नकली नोटों से जुड़ा होने के कारण समूचे मामले की निगरानी रैंज पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश पासवान खुद कर रहे है। पुलिस की जांच पड़ताल में जाली नोट स्कैण्डल में नये नाम जुड़ रहे है। पुलिस इस गिरोह की कड़ी से कड़ी जोड़कर नकली नोट माफियाओं के समूचे नेटवर्क को ट्रेस करने के प्रयास में जुटी है। बीकानेर पुलिस के साथ अब एसओजी भी नकली नोट गिरोह की परतें खोलने में जुट गई है। रैंज पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश ने बताया कि इस मामले में जल्द ही बड़े खुलासे होगें। मामला करोड़ों रूपये के नकली नोटों की छपाई और सप्लाई से जुड़ा होने के कारण पुलिस को हर तथ्य की गहनता से जांच पड़ताल करनी पड़ रही है। हालांकि यह तो पहले ही स्पष्ट हो चुका है कि इस गिरोह के लोगों ने करोड़ों के नकली नोट हवाला के जरिये ही देश के महानगरों में सप्लाई किये है,लेकिन इनके नकली नोट कहां कहां चलन में आये है इसकी जानकारी जुटाने के लिये पुलिस के साथ राजस्व खुफियां ऐजेंसी भी सक्रियता से जुटी हुई है । पुलिस की जांच में गिरोह से जुड़े लोगों की चैन लगातार लंबी होती जा रही है और इस चैन में देश प्रदेश के कई हवाला कारोबारियों के नाम भी सामने आये है। हालांकि गिरोह की चैन में बीकानेर देहात भाजपा के एक बड़े नेता के नजदीकी रिश्तेदार का नाम भी सामने आया है मगर पुलिस ने इसकी पुष्टी नहीं की है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रिमांड पर चले गिरोह के माफिया चंपालाल उर्फ नवीन सारस्वत समेत उसके गिरोह में शामिल रविकांत जाखड़,नरेन्द्र शर्मा उर्फ विक्की,मालचंद शर्मा,पूनमचंद शर्मा और राकेश सारस्वत से अलग अलग पूछताछ कर इनकी निशानदेही पर छापामार कार्यवाही जारी है। पूछताछ में कई हवाला कारोबारियों के नाम भी उजागर हुए है जिन्हे निगरानी में लिया गया है।
-नशा और अय्याशी में उड़ाये लाखों रूपये
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पिछले करीब सालभर से नकली नोटों की सप्लाई के काले धंधे में मालामाल हुए गिरोह के युवक ना सिर्फ नशेबाजी के बल्कि अय्याशी के शौकिन है। मंहगे नशे,आलीशान गाडिय़ों और कॉलगल्र्स पर यह लोग लाखों रूपये फूंक चुके है। पुलिस ने इनकी अय्याशी और नशेबाजी के ठिकानों को चिन्हित किया है। गिरोह के सरगना चंपालाल उर्फ नवीन सारस्वत ने नकली नोटों की कमाई से अपने गांव आलीशान बंगला बना लिया है। जुएबाजी और क्रिकेट सट्टा भी इसके शौक में शुमार है। पुलिस ने गिरोह के युवकों से चार गाडिय़ां भी बरामद की हैं, जो करीब 60 लाख रुपए की हैं। इसमें एक जीप कम्पास भी शामिल है, जिसकी कीमत करीब 19 लाख रुपए है। साथ ही नेक्सा भी मिली, जो करीब दस लाख रुपए की है। इसके अलावा सात से आठ लाख रुपए लागत की बलेनो और स्विफ्ट डिजायर भी बरामद की गई। पुलिस छानबीन में अभी कुछ और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
-पहले पवनपुरी में बनाया था नोट छापने का ठिकान
पुलिस सूत्रों के मुताबिक नकली नोट माफिया गिरोह ने पहले पवनपुरी नकली नोट छापने का ठिकान बनाया था,लेकिन वहां स्थानीय लोगों को शक होने के बाद गिरोह ने अपना ठिकाना बदल लिया और वृन्दावन एन्क्लेव में रविकांत जाखड़ के घर अपना नया ठिकाना बनाकर नोट छापने शुरू कर दिये। यहीं पर प्रिंटर , कागज, स्याही आदि समस्त उपकरण रखते। यही पर नोट छापते और कटिंग कर पैकिंग तैयार करते । हालांकि गिरोह के लोग साल भर से हवाला के जरिये नकली नोटों की सप्लाई कर रहे थे,लेकिन ज्यादा सप्लाई दो नंबरी कारोबारियों के लिये की गई थी इसलिये इनकी पोल नहीं खुली। मगर अब सारे मामले का पर्दाफाश होने के बाद हवाला कारोबारियों व क्रिकेट बुकी भी पुलिस की रडार में आ गये है। मामला करोड़ो रूपये के नकली नोटों से जुड़ा होने के साथ पुलिस और एसओजी के साथ रिर्जव बैंक ऑफ इण्डिया की खुफिया विंग भी जांच में जुट गई है।
-बीकानेर पुलिस के नाम दर्ज हुई साल की सबसे बड़ी सफलता
महिनेभर की कड़ी मशक्कत और गोपनीय अंदाज में कार्यवाही कर नकली नोट माफिया गिरोह का पर्दाफाश करने में सफल हुई बीकानेर पुलिस की इस साल सबसे बड़ी सफलता है। हालांकि जिला पुलिस ऑपरेशन क्लिन,प्रहार और वज्र के तहत बीते सालभर से अपराध जगत में कई बड़ी कार्यवाहिया कर चुकी है लेकिन नकली नोट माफियाओं के शातिर गिरोह का पर्दाफाश कर सबसे बड़ी सफलता अर्जित की है। इसके लिये जिला पुलिस के आला अफसरों और सर्जिकल स्ट्राईक में शामिल पुलिस कर्मियों की प्रदेशभर में खूब सराहना हो रही है।

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