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बीकानेर, जल के बिना जीवन की कल्पना ही अधूरी है, इसीलिए हमें जल प्रबंधन करके जीवन को बचाना होगा। ये उद्बोधन थे सेवानिवृत प्रधानाध्यापक पन्नालाल दाधीच का दाधीच कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से संचालित जन शिक्षण संस्थान, बीकानेर द्वारा आजा़दी का अमृत महोत्सव एवं स्वच्छता पखवाड़ा के तहत नोखा गांव में शीतला माता मंदिर तालाब परिसर में जल प्रबंधन विषय पर संवाद कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन में कही। दाधीच ने अपनी बात को तालाबों, पोखरों, कुओं, नाडी और बावड़ियों के इतिहास की तरफ ले जाते हुए कहा कि इन सब का अब भी उतना ही महत्व है जितना पूर्व में था। लेकिन वर्तमान में लोग इसके महत्व को कम आंकते है इसी वजह से ये लुप्त हो रहे है। आपने नोखा गांव के इस तालाब के बारे में बताते हुए कहा कि गांव में पीने के पानी का एक मात्र साधन यही तालाब हुआ करता था। यहां से लोग पानी ले जाते और कई बार पानी कम होने के कारण पानी के साथ कुछ मिट्टी भी साथ आ जाती जिसे लोग अपने घर ले जाकर नितारकर साफ करके पानी का उपयोग करते थे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, बुदरों की ढ़ाणी, नोखा के प्रधानाध्यापक विजय शर्मा ने जल प्रबंधन पर अपने व्याख्यान में कहा कि स्वच्छता पखवाड़ा के अन्तर्गत जल प्रबंधन के साथ बहुत सी ऐसी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना होगा जो इसके सभी घटकों के लिए जरूरी है। जल प्रबंधन के लिए हमें अपने घर से ही शुरूआत करनी होगी। जिसमें कपड़े धोना, बर्तन धोना, गाड़ी धोना और सेव करना आदि छोटे-छोटे कार्य ऐसे है जिनमें अगर हम पानी को बचाने का श्रम करें तभी हम सही मायने में जल प्रबंधन कर पायेंगे। शर्मा ने उदाहरणों के माध्यम से बताया कि जल का सही उपयोग कैसे करें। आपने रोचक गतिविधियों के माध्यम से मुख्य विषय पर अपने उद्बोधन को केन्द्रीत रखते हुए कहा कि अभी इस वर्षा के मौसम में हमें बरसात के पानी जिसे पालर पानी भी कहते है, का भण्डारण करना चाहिए ताकि वो पानी संकट के समय काम आ सके।
कार्यक्रम के संयोजक एवं कार्यक्रम अधिकारी महेश उपाध्याय ने कहा कि नोखा गांव में इस पुराने तालाब को बचाये रखने में गांव के उन सभी लोगों का योगदान है जो जल एवं पर्यावरण के प्रति जागरूक है। हमें वर्तमान पीढ़ी को ये बताना होगा कि अगर हमारे पौराणिक जल स्त्रोत खत्म हो जायेंगे तो जीवन का बचना मुश्किल हो जायेगा।
कार्यक्रम सहायक उमाशंकर आचार्य ने बताया कि संस्थान के स्वच्छता पखवाड़ा के तहत इस गतिविधि का आयोजन किया गया। संस्थान कौशल विकास के साथ सामाजिक सरोकार के विषयों को भी समय≤ पर छू कर आम लोगों को जागरूक करने का कार्य भी करता है।
संस्थान की संदर्भ व्यक्ति नीतू चैधरी और सुधा पंचारिया ने स्वच्छता के लिए घर से ही शुरूआत करने की बात पर बल दिया और आज के इस संवाद को सार्थक बताया। संतोष बाहेती, मंजू गर्ग, लक्ष्मीकांता, प्रतिभा उपाध्याय और साक्षी उपाध्याय ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम के अंत में विष्णुदत्त मारू ने आगन्तुकों के प्रति धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया।

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