बीकानेर.सरकार ने हर जगह तीसरी आंख (कैमरे) इसलिए लगाई ताकि फर्जीवाड़े पर लगाम लगे और सिस्टम में पारदर्शिता आ सके। लेकिन अब लोग इस तीसरी आंख में भी धूल झोंक गड़बड़ी कर रहे हैं। कैमरे के सामने फर्जीवाड़े का यह खेल ई-रवन्ना में खुलेआम खेला जा रहा है। ई-रवन्ना ठेका फर्म कुछ ट्रक चालकों से मिलीभगत कर ट्रक मालिकों को चूना लगा रही है। ट्रक और ई-रवन्ना पर्ची में अलग-अलग नम्बर होने का मामला पकड़ में आने के बाद खान विभाग में खलबली मच गई है। दरअसल, ई-रवन्ना काटते समय धर्मकांटे पर तौल के दौरान ट्रक के फुटेज में नजर आ रहे ट्रक की बजाय पर्ची में किसी दूसरे ट्रक के नंबर अंकित किए जा रहे हैं। ट्रक मालिक की ओर से ई-रवन्ना की ऑनलाइन जांच करने पर पता चला कि उसके ट्रक के नंबर अंकित कर ई-रवन्ना काटा जा रहा है जबकि धर्मकांटे पर जिस ट्रक की फोटो ली गई है, वह ट्रक उसका नहीं हैं। फोटो जूम करने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हो रहा है। दो महीने से यह खेल चल रहा है। जब ट्रक मालिक को इस बात का पता चला तो खनन विभाग में शिकायत की। अधिकारी नहीं मिले, वहां बैठे कार्मिक उन्हें टरकाते रहे।
खान में अनकंफर्म रवन्ना काटा जाता है। गाड़ी लोड होकर धर्मकांटे पर जाती है तब गाड़ी के आगे व पीछे व साइड से फोटो खींच कर कंफर्म रवन्ना काटा जाता है।
निर्मल विश्नोई के डम्पर-ट्रेलर के नंबर आरजे 07 जीडी 6393 है। निर्मल ने दो दिन पहले खान विभाग की साइट पर जाकर ई-रवन्ना चैक किया, तब पता चला कि ओवरलोड का 17 हजार 700 रुपए ई-रवन्ना चालान बन रहा है जो मार्च को निकलेगा। पैनल्टी देख उसके होश उड़ गए। तब उसने पता किया तो बेहद हैरान करने वाली जानकारी मिली कि ई-रवन्ना पर्ची में ट्रक के नंबर उसके है लेकिन फोटो किसी दूसरे ट्रक की है। फोटो में जो ट्रक आ रहा है, उसके नंबर दूसरे हैं। इसी प्रकार आरजे 07 जीडी 9193, आरजे 07 जीडी 9093, आरजे 07 जीडी 0593, आरजे 07 जीडी 8193, आरजे 07 जीई 9193 ट्रक-ट्रेलर है, जिनके फर्जी ई-रवन्ना काटे गए हैं।
ई-रवन्ना पर्ची और ट्रक की फोटो में नंबर अलग होना गंभीर मामला है। ऐसा कोई कर रहा है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। राजेन्द्र सिंह बल्लारा, एमई, खनन विभाग बीकानेर