बीकानेर, मानसून की दस्तक के बाद इस बार अच्छी हुई बारिश ने बीकनेर में करोड़ों की सडक़ों को छलनी कर दिया। इनमें कई सडक़े तो ऐसी है जिनका नवीनीकरण अभी दो माह पहले ही कराया गया था। सिर्फ शहर ही जिले के ग्रामीण इलाकों में भी बारिश के कारण अधिकांश सडक़े उधड़ गई और इनमें ज्यादात्तर सडक़े ऐसी है जो अभी गारन्टी पीरियड़ में है । नगर निगम,नगर विकास न्यास और सानिवि की ओर से करोड़ों रूपये के टैण्डर जारी कर बनाई गई इन सडक़ों की गुणवता और मजबूती के लिये लगातार दावे भी किये जा रहे थे,लेकिन घटिया निर्माण सामग्री से बनी यह सडक़े बारिश का का शुरूआती सीजन भी नहीं झेल पाई। शहर में तो नगर निगम की ओर से हर वार्ड में चालीस चालीस लाख रूपये खर्च कर बनाई गई ज्यादात्तर सडक़ों की गुणवता पूरी तरह चौड़े आई हुई, वही सानिवि की ओर से बनाई नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे की कई सडक़े भी शामिल है। जिनमें घटियापन के कारण बड़े बड़े गड्ढ़े नहीं गुब्बार बन गये है। शहर में भीनासर चुंगी नाके से लेक रेलवे स्टेशन,म्यूजियम सर्किल से लालगढ़ करणीनगर,जिन्ना गली से लेकर लालगढ़ रेलवे स्टेशन रोड़ के अलावा शहरभर की रिहायशी इलाकों और कॉलोनियों में ऐसी कोई सडक़ नहीं है, जो टूटी हुई ना हों। जरा सी बारिश में हाल में बनी सडक़ें भी उधड़ गईं और जगह-जगह गड्ढे हो गए। मजे कि बात तो यह है कि मुख्य सडक़ें तो क्षतिग्रस्त हैं ही, अंदरुनी सडक़ों की हालत तो और ज्यादा बदतर है। कई जगहों पर सडक़ों पर बने गड्ढों के पास बेरिकेड्स लगाकर हादसों से बचाव का बंदोबश्त किया गया है। कई सडक़ों के बीच में सीवरेज लाइनों से मेनहोल तक टूट रहे हैं।
जगह-जगह उधड़ गई नई बनी सडक़े
इस मामले की पड़ताल करने पर पता चला किगंगाशहर चौराहा से कुम्हारों का मोहल्ला व आसपास के क्षेत्रों में सडक़ें क्षतिग्रस्त हैं,जो बारिश के सीजन से पहले ही बनाई गई थी। इसी तरह सुजानदेसर से श्रीरामसर मार्ग, मुख्य मार्ग से सालमनाथ धोरा तक, शिवबाड़ी चौराहा से शिवबाड़ी मंदिर तक, अन्दरूनी गलियां, पुलिस लाइन से रोशनीघर चौराहा रोड पर मंदिर के पास, जयनारायण व्यास कॉलोनी में पुलिस थाने के आगे, सर्वोदय बस्ती, गुजरों का मोहल्ला, धर्मकांटे से सर्वोदय बस्ती रोड, ऊन मण्डी के पीछे पूगल रोड, कमला कॉलोनी, मोहल्ला पंजाबगिरान, बांदरा बास सहित कई क्षेत्रों में नई बनी सडक़ों की स्थिति खराब है।