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बीकानेर। शहर के नयाशहर थानाधिकारी द्वारा कोर्ट की अवहेलना करने के एक मामले में तलब किया है। बारहगुवाड़ निवासी रमेश ओझा को जान से मारने की नीयत से दर्ज किये परिवाद की पहले एफआईआर दर्ज नहीं करने तथा दुबारा धाराओं को लेकर अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 1 में पेश परिवाद पर यह सम्मान जारी हुआ है। परिवादी रमेश ओझा के अधिवक्ता हनुमान सिंह पडि़हार ने बताया कि न्यायाधिपति अनुभव तिवारी ने थानाधिकारी गोविंदसिंह चारण नयाशहर पुलिस थाना बीकानेर को प्रथम दृष्टया मुल्जिम मानते हुए उसके खिलाफ प्रसंज्ञान लेकर उसे जरिए सम्मन तलब किया और न्यायाधीश ने पुलिस महानिदेशक राजस्थान पुलिस जयपुर को थानाधिकारी गोविंदसिंह चारण नयाशहर पुलिस थाना के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही करने हेतु पत्र लिखने के भी आदेश दिए।
ये है प्रकरण
बारह गुवाड़ निवासी रमेश ओझा ने 12 मई 21 को थाना हाजिर होकर अपने साथ हुई मारपीट व जान से मारने की घटना को लेकर परिवाद दिया। लेकिन थानाधिकारी ने परिवादी का परिवाद संज्ञेय अपराध से संबंधित होने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं की। जिस पर ओझा ने 31 मई को न्यायालय सिविल न्यायाधीश व न्यायिक मजिस्टे्रट संख्या एक के समक्ष उक्त घटना के संबंध में मुल्मिान उमाशंकर वगैरह के विरूद्व धारा 153(3)के तहत इस्तागासा पेश कर धारा 307,450,341,342,506,34 भादसं में पेश किया। जिस पर न्यायालय ने थानाधिकारी को इस संबंध में प्रगति रिपोर्ट पेश क रने के आदेश दिए। इसके बाद भी थानाधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायिक निर्णय ललिता कुमारी बनाम स्टेट ऑफ यूपी व अन्य पारित आदेशों की अवहेलना करते हुए उक्त प्रकरण की एफआईआर दर्ज नहीं की। न्यायालय ने परिवादी के इस्तागासे को हुबहु परिवाद दर्ज नहीं करने तथा धाराओं को कम करने का अपराध मानते हुए कानूनी कार्यवाही के आदेश फरमाएं।

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