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जयपुर/जोधपुर,राजस्थान राज्य राज्य विद्युत विनियामक आयोग, राजस्थान द्वारा आरईआरसी (उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम, विद्युत लोकपाल और उपभोक्ता वकालत) विनियम, 2021 के अंतर्गत श्रीमती मंजू राठौड़ को जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की संभाग स्तरीय उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम की स्वतन्त्र सदस्या नियुक्त किया गया हैं। इस सम्बन्ध में आयोग के सचिव आईएएस डॉ राजेश शर्मा दुवारा श्रीमती राठौड़ की नियुक्ती के आदेश जारी किए गए हैं। गौरतलब है की श्रीमती मंजू राठौड़ पूर्व में भी जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग पाली एवं जालोर में आयोग की सदस्या के पद पर 10 वर्षो तक अपनी सेंवाए दे चुकी हैं एवं पिछले कई वर्षो के सामजिक सेंवाओ और उपभोक्ता कल्याण से जुडी गतिविधियों में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं।

इस अवसर पर नवनियुक्त सदस्या श्रीमती मंजू राठौड़ ने कहा की विद्युत विनियामक आयोग द्वारा निर्दिष्ट समय के भीतर व नियमों के अनुसार उपभोक्ता की समस्या का निवारण किया जाता हैं, विद्युत अधिनियम के अन्तर्गत उपभोक्ता शिक़ायत निवारण फोरम एवं विद्युत लोकपाल एवं उपभोक्ता एडवोकेसी रेगुलेशन 2021 लागू किया गया है। इसी के अन्तर्गत राजस्थान की तीनों विद्युत वितरण कंपनियो मे जोनल स्तर पर उपभोक्ता शिक़ायत निवारण फोरम मे राजस्थान विद्युत नियामक आयोग द्वारा उपभोक्ता कानून एवं विद्युत कानूनों के अनुभवी और विशेषज्ञ स्वतंत्र सदस्यों की नियुक्तियां की जाती है। फोरम के गठन से प्रदेश में विद्युत से संबंधित शिकायतों के समाधान को लेकर अब आम उपभोक्ताओ और जनता का विधिक पक्ष मजबूती से रखा जा सकेगा। राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को सम्भाग स्तर पर सम्भागीय मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में गठित उपभोक्ता शिकायत निवारण (कंजूमर ग्रिवेंस रिड्रेसल) फोरम में दर्ज प्रकरणों पर सुनवाई के समय विद्युत निगम के अधिकारियों के साथ ही स्वतंत्र सदस्य के भी होने से शीघ्र व उचित निवारण का भरोसा रहेगा। यही स्वतंत्र सदस्य विद्युत उपभोक्ताओं के पक्ष को फोरम में दर्ज प्रकरणों के शिघ्र निस्तारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे साथ ही आम उपभोक्ताओं की विद्युत संबंधित शिकायतों जैसे अव्यस्थित विद्युत सप्लाई, बिजली की बिलों में गड़बड़ी, उपभोक्ताओं को विभाग दुवारा प्रदान की जाने वाली असंतोषप्रद सेंवाए सहित 5 लाख तक कि विद्युत सम्बन्धी विवादों के प्रकरणों की सुनवाई यह फोरम करेगा। विद्युत विनियामक आयोग द्वारा निर्दिष्ट समय के भीतर व नियमों के अनुसार उपभोक्ता की समस्या का निवारण किया जाता हैं ।

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