जयपुर: 8 लाख से ज्यादा बच्चों को पर्सेंटेज के आधार पर मिलेगा एडमिशन। CBSE रिजल्ट में हो रही देरी के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने एक बार फिर कॉलेज में एडमिशन की तारीख को 9 दिन तक आगे बढ़ा दिया है। ऐसे में अब स्टूडेंट्स प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन के लिए अब स्टूडेंट्स से 25 जुलाई तक अप्लाई कर सकेंगे। कॉलेज एजुकेशन अकादमिक के सयुक्त निदेशक डॉ के एल सिराधना ने बताया कि पहले आवेदन की आखरी तारीख 9 जुलाई निर्धारित की गई थी। जिसे आगे बढ़कर 16 जुलाई किया गया था। लेकिन CBSE बोर्ड का रिजल्ट जारी नहीं होने की वजह से आवेदन की तारीख एक बार फिर आगे बढ़ानी पड़ी है।
दरअसल, प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट कॉलेज में 27 जून से 9 जुलाई तक अंडर ग्रेजुएशन कोर्सेज में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिसके तहत राजस्थान में 450 से ज्यादा सरकारी कॉलेज में पांच लाख 8000 स्टूडेंट्स, जबकि 2000 से ज्यादा प्राइवेट कॉलेज में 8 लाख स्टूडेंट्स एडमिशन के लिए अप्लाई कर सकते थे। लेकिन CBSE का रिजल्ट नहीं आने की वजह से अब तक सिर्फ RBSE के स्टूडेंट्स ही एडमिशन के लिए अप्लाई कर पाए थे। ऐसे में अब उच्च शिक्षा विभाग ने CBSE के स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है। लेकिन रिजल्ट में हो रही देरी कि वजह से इस बार शैक्षणिक सत्र भी देरी से शुरू होगा।
*कॉलेजों एडमिशन पॉलिसी के प्रमुख बदलाव*
राजस्थान में इस साल भी कॉलेजों में एडमिशन 12वीं कक्षा के पर्सेंटेज के आधार पर होंगे, पर्सेंटाइल फॉर्मूले से नहीं।
कॉलेज में एडमिशन के लिए भारतीय सेना, केन्द्रीय सशस्त्र बल के कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों के बच्चों के लिए 3% सीटें आरक्षित थी। इनमें अब राजस्थान पुलिस कर्मियों के बच्चों काे भी जगह मिलेगी।
काेराेना की वजह से जिन स्टूडेंट्स के पेरेंट्स की माैत हुई है। उन्हें मिनिमम मार्क्स के आधार पर फ्री एडमिशन दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें हॉस्टल की सुविधा भी फ्री मिलेगी।
स्टूडेंट्स को पहले की तरह को-एजुकेशन कॉलेजों में छात्राओं काे 3% बोनस मिलेगा। इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई भी चालू रहेगी।
प्रदेश के कॉलेज में एडमिशन के लिए आर्ट्स, कॉमर्स में कम से कम 45% और साइंस में कम से कम 12वीं में 48% नंबर लाने पर ही एडमिशन हाेंगे।
मूल रूप से भारत के रहने वाले विदेशी बच्चों को भी राज्य के कॉलेज में एडमिशन दिया जाएगा। जबकि मूल रूप से विदेशी छात्रों को इस बार एडमिशन नहीं मिल सकेगा।
UGC के नियमों के अनुसार जो कॉलेज ऑनलाइन एजुकेशन के लिए माननीय नहीं है। उनकी डिग्रियों के आधार पर भी राजस्थान के कॉलेज में एडमिशन नहीं दिया जाएगा।