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बीकानेर,संभाग के एकमात्र सुपर स्पेशियलिटी सेंटर को लेकर एक अच्छी खबर है। अब यहां मरीजों को भर्ती कर उनका ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। 200 बेड वाले सेंटर में फिलहाल 70 मरीज भर्ती हैं।60 नर्सिंग स्टाफ को तैनात किया गया है। पहले यहां के डॉक्टर मरीजों की ही सलाह लेते थे। ओपीडी के बाद आईपीडी और ऑपरेशन शुरू होने से मरीजों को अब अत्याधुनिक अस्पताल उपकरणों का लाभ मिलेगा, वहीं पीबीएम अस्पतालों में मरीजों की भीड़ भी कम होगी।

फिलहाल यहां बच्चों और न्यूरो संबंधित मरीजों का ऑपरेशन शुरू किया गया है। वहीं, पीडियाट्रिक, गैस्ट्रो और न्यूरो सर्जरी कराने वाले मरीजों को आईपीडी में भर्ती किया जा रहा है। सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में 24 घंटे कॉल इमरजेंसी ऑपरेशन पर डॉक्टर भी आएंगे।

पहले चरण में यहां चार ऑपरेशन थियेटर शुरू किए गए हैं। हालांकि, केवल वे डॉक्टर जो पीबीएम अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, अस्पताल में मौजूद रहेंगे। नर्सिंग स्टाफ, सिक्योरिटी गार्ड और अटेंडेंट की नई भर्ती हुई है।

5 बीमारियों की ओपीडी: सुपर स्पेशियलिटी में न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी और पीडियाट्रिक सर्जरी ओपीडी चलाई जाती हैं। इन बीमारियों से जुड़े मरीजों को इलाज के लिए यहां आना पड़ता है। इसके अलावा सुपर स्पेशियलिटी में सोनोग्राफी, एमआरआई और एक्स-रे जांच की भी सुविधा रखी गई है।

मरीजों को मिलेगी मेट्रो जैसी सुविधाएं : डॉ. प्रभाकर सुपर स्पेशियलिटी सेंटर के प्रभारी डॉ. गिरीश प्रभाकर ने कहा कि सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में मरीजों को मेट्रो सिटी जैसी चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। पांच मंजिला अस्पताल में परामर्श कक्ष, केंद्रीय पंजीकरण, एमआरआई कक्ष, निदान, प्रतीक्षा स्थान, दवाएं, डॉक्टर परामर्श, डायलिसिस वार्ड, संक्रमित वार्ड, गैर-संक्रमित वार्ड, प्रयोगशाला, कैप्सूल एंडोस्कोपी, आपातकालीन एंडोस्कोपी, चार वार्ड, चार वार्ड हैं। रोगी। सघन चिकित्सा कक्ष, लैब, छह ऑपरेशन रूम और अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। संभाग में सबसे बड़े सुपर स्पेशियलिटी सेंटर के खुलने से मरीजों को अब दूसरे शहरों की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।

नोडल एजेंसी का निरीक्षण सुपर स्पेशियलिटी सेंटर को चालू करने से पहले भारत सरकार की नोडल एजेंसी एनकेजी के प्रतिनिधियों ने अस्पताल व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। एनकेजी कंपनी का निरीक्षण पूरा होने के बाद उन्होंने यहां सिविल कार्य की निगरानी के लिए एचएससीसी कंपनी के प्रतिनिधि को नियुक्त किया है।

इस सेंटर को 4 साल पहले 150 करोड़ की लागत से बनाया गया था। इसका सिविल वर्क 31 अक्टूबर 2018 को पूरा हुआ था। इसके बाद 29 जुलाई 2019 से ओपीडी, ब्लड कलेक्शन, एमआरआई, सोनोग्राफी, सिटी स्कैन, ईईजी और एनसीएस और फार्मेसी की सेवाएं शुरू की गईं।

लेकिन कोरोना काल में यहां की ओपीडी भी कोविड मरीजों के दाखिले के दौरान बंद रही। इसके बाद 11 जनवरी 2021 से मरीजों के लिए ओपीडी समेत अन्य सुविधाओं का लाभ फिर से शुरू हो गया। लेकिन स्टाफ की कमी के कारण यहां आईपीडी और ऑपरेशन की सुविधा शुरू नहीं हो सकी। वर्तमान में, आईपीडी और ऑपरेशन सुविधा खुलने से पहले पीबीएम और आरएमआरएस के लगभग 60 नर्सिंग स्टाफ के साथ सुरक्षा गार्ड, परिचारक और सहायक यहां तैनात हैं।

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