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बीकानेर। राजस्थान प्रदेश के मुखिया श्री अशोक गहलोत का बीकानेर दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब पूरा प्रदेश अराजकता और निराशा के दौर से गुजर रहा है। भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीकानेर के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार किया है। उन्होंने कहा कि महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में इंडोर खेल ऑडिटोरियम का उद्घाटन और श्रेय लेने की राजनीति समझ से परे है क्योंकि इस विशाल खेल ऑडिटोरियम के निर्माण में वर्तमान राज्य सरकार ने एक रुपये का भी धन का सहयोग नहीं किया है। पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के कार्यकाल में तत्कालीन कुलपति के प्रयासों से इस इंडोर हाल के लिए धनराशि और स्वीकृति जारी हुई थी।

उन्होंने प्रश्न उठाया कि मुख्यमंत्री को बीकानेर में तकनीकी विश्वविद्यालय की दुर्दशा को भी देखना चाहिए जहाँ के प्रोफेसर जैसे पद पर कार्यरत कर्मचारियों को 6 माह से वेतन नही मिल रहा है।
जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की बीकानेर के लिए की गई समस्त बजट घोषणाएं ठंडे बस्ते में पड़ी है। 40 करोड़ की लागत से सड़कों का चौड़ीकरण, पब्लिक हेल्थ कॉलेज, मिनी फ़ूड पार्क, आयुर्वेद एकीकृत महाविद्यालय, नई स्वतंत्र मंडी, बहुउद्देशीय खेल काम्प्लेक्स इत्यादि घोषना अभी तक भी सिरे नही चढ़ी है।

सिंह ने कहा कि बीकानेर का विकास पहले से ही ठप्प पड़ा है।बीकानेर में रेल फाटक की समस्या, ड्राई पोर्ट, एयरपोर्ट के विस्तार के लिए निःशुल्क भूमि आवंटन, बीकानेर को सौर ऊर्जा हब की घोषणा, बीकानेर में खनन आधारित उद्योगों के विकास और संरक्षण आदि पूर्व लंबित मांगों पर सरकार सिर्फ कुंडली मार कर बैठी है।

प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कि बीकानेर जिले में अघोषित आपात स्थिति लगी हुई है। किसी भी विभाग में आम जनता का कार्य नही हो पा रहा है। विकास और आमजन से जुड़े सभी कार्यों में सीधे राजनैतिक हस्तक्षेप और मनमानी के चलते आमजन पीड़ित और परेशान है।

डॉ. आचार्य ने कहा कि अधिकारी राज्य सरकार को केवल ख़ुश करने के उद्देश्य से झूठे आंकड़े भेज कर अभियानों की इतिश्री कर रहे है।

जिला उपाध्यक्ष अशोक प्रजापत, गोकुल जोशी और भगवान सिंह मेड़तिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस यूनिवर्सिटी में मुख्यमंत्री जी खेल परिसर का उद्घाटन कर रहे है उस परिसर में सरकार अभी तक पेयजलापूर्ति तक नहीं कर पा रही है। सरकार मे 3 बड़े मंत्री होने के बावजूद भी बीकानेर का विकास पूर्ण रूप से अवरुद्ध है। शहर की जर्जर सड़कें, संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल की समस्याओं का निराकरण, समेत पूर्ववर्ती सरकार द्वारा किये गए विकास कार्यो का रखरखाव तक नही हो पा रहा है।

जिला महामन्त्री मोहन सुराणा, अनिल शुक्ला, नरेश नायक, जिला मंत्री और मीडिया प्रभारी मनीष आचार्य ने कहा कि बीकानेर का रमणीक हृदय स्थल और ऐतिहासिक धरोहर सूरसागर की हालत चिंताजनक है। प्रशासन की लापरवाही के कारण जूनागढ़ समेत समस्त ऐतिहासिक धरोहरों पर खतरा मंडरा रहा है। जिला प्रशासन के पास बीकानेर के विकास का किसी भी प्रकार का कोई रोड़ मैप नहीं है।

भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा बीकानेर शहर की निरंतर उपेक्षा और सौतेले व्यवहार का जनता आने वाले समय मे माकूल जवाब देगी।

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