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बीकानेर,जिले के लूणकरणसर तहसील में शनिवार शाम से लेकर रविवार तक अच्छी बारिश के बाद लोगों को उमस भरी गर्मी से निजात मिली। उल्लेखनीय है कि जिले में पिछले तीन दिन से प्रतिदिन बारिश हो रही है। शनिवार को तो तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हुई। वहीं रविवार को भी अच्छी बारिश हुई। रविवार को सुबह से ही उमस भरी गर्मी से लोग खासे परेशान हो रहे थे। शाम होते होते तेज हवाओं के साथ चारो तरफ काली घटाए छा गई 2 घंटे अच्छी बारिश के बाद बूंदा बांदी देर शाम तक हुई। बारिश के बाद किसानों ने इसबार अच्छी बारिश की उम्मीद लगाई है। वहीं खेतों में बोआई एवं हकाई आदि का कार्य तेज हो गया है। बारिश के बाद तालाबों एवं अन्य जगह भी पानी नजर आने लगा है। पानी की आवक शुरू होती नजर रही है। बारिश के बाद सड़कों पर पाइप लाइन के लिए हुए गड्ढों के कारण भी कुछ परेशानी होती नजर आई। वहीं की पूरी तरह सफाई नहीं होने के कारण कई जगह पानी भरने की समस्याएं भी खड़ी होने लगी है। अधिक बारिश एक साथ होने पर बारिश का पानी घरों एवं दुकानों में भरने की स्थिति नजर रही है। प्रदेशमें मानसून के प्रवेश के साथ ही शनिवार शाम से ही बीकानेर शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में मानसूनी बादलों ने तर कर दिया। दोपहर तक जमकर गर्मी पडी तथा उमसभरी गर्मी ने लोगों को परेशान किया। दोपहर बाद करीब 3 बजे अचानक आकाश में काली घटाएं छा गई और बादल गरजने लगे। करीब 6 बजे तेज हवा बादलों की तेज गर्जना के साथ तेज बारिश शुरू हुई। तेज बारिश से शहर की सडकों पर तेज गति से पानी बहने लगा। शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया बादलों की गडगडाहट के साथ करीब एक दो तक तेज बारिश का दौर चला। बारिश होने से मौसम खुशनुमा हो गया तथा लोगों को उमसभरी गर्मी से राहत मिली।ग्रामीण अचल में भी जम कर बरसात हुई। कालू , सहजरासर,खारड़ा शैरेरा, हेमेरा राजेरा सहित आस पास में गांवों में जम कर बरसात हुई इस बरसात के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में बुवाई शुरू हो गई है। ग्रामीण मोठ,बाजरा,ग्वार , तील, मूंग सा सहित अन्य फसलों का बिजान शुरू दिया है। खेतो में जगह जगह पानी भरा पड़ा है। खारड़ा गांव में जोहड़े लबालब भर गए हैं साथ ही गिनाणी में भी पानी भर गया है । निचले भागो में पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण पानी भर गया है। जिससे लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भारी बरसात को देखते हुए खारड़ा के ग्रामीणों को पिछले साल हुई मूसलाधार बारिश की याद आने लगी है। पिछले साल खारड़ा में लगभग सो से ज्यादा मकान गिर गए थे।

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