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बीकानेर,महाराजा गंगासिंह विवि के एक संविदाकर्मी के साथ मारपीट कर सोने की अंगूठी व एटीएम से रूपये निकालने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह संविदाकर्मी चूरू व राजगढ़ की कॉलेजों में पेपर देकर कापियां लेकर वापस आ रहे थे। इस दौरान श्रीडूंगरगढ़ से बीकानेर के रास्ते में इस वारदात को अंजाम दिया। जानकारी मिली है कि मुरलीधर व्यास कॉलोनी निवासी ओमप्रकाश बोहरा व चपरासी राधेश्याम स्वामी पांच जून की शाम विवि के ठेकेदार से अनुबंधित गाड़ी आरजे 50 बीए 0341 में राजगढ़ व चूरू की कॉलेजों में परीक्षा से संबंधित पेपर देने गये थे। पीडि़त ओम प्रकाश बोहरा के मुताबिक रात जब ये दोनों कार्मिक वापस बीकानेर लौटे रहे थे तो डाइवर मनोहर भादू ने अन्य सवारियों को गाड़ी में बैठा लिया। इनमें चार रतनगढ़ व दो राजलदेसर से बैठे थे। जब ये सभी श्रीडूंगरगढ़ व बिग्गा के बीच पहुंचे तो राधेश्याम स्वामी को धक्का देकर गाड़ी से उतार दिया और साथ में लाई कांपियों को भी फेंक दिया। इस पर बोहरा ने इस पर एतराज जताया तो युवकों ने बोहरा ये रूपयों की डिमांड की। जब रूपये देने से मना किया तो मारपीट करनी शुरू कर दी और गाड़ी बीकानेर की ओर दौड़ा ली।

बोहरा ने बताया कि इन युवकों ने मेरे पेट पर पांव रखकर गर्दन पर चाकू रखा और जेएनवीसी के पास एक एटीएम के आगे रूके और जेब से एटीएम निकाल तीन से चार बार में 33 हजार रूपये का ट्रांजेक्शन अपने खातों में कर लिया। यहीं नहीं इन्होंने मेरे साथ मारपीट कर रूद्राक्ष जडि़त सोने की माला,एक अंगूठी व चैन तोड़ ले गये। इनमें से एक युवक जेएनवीसी चौराहे पर उतर गया और दूसरा भीमसेन सर्किल पर। बताया जा रहा है कि दो अन्य युवक करमीसर फांटे पर उतर गये।

इस घटना के बाद आज दोपहर पीडि़त ने मेडिकल मुआयना करवा कर कुलपति प्रो विनोद कुमार सिंह व परीक्षा नियंत्रक राजाराम चोयल से मुलाकात कर पूरा घटनाक्रम बताया। पता चला है कि विवि में ठेके पर गाडिय़ां लगी है। इसका ठेका श्याम पंचारिया नामक व्यक्ति के पास है। हालांकि कुलपति व परीक्षा नियंत्रक ने पीडि़त के परिवाद पर उचित कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया है।

ऐसी आशंका जताई जा रही है कि विवि में ठेके पर लगी गाडियों के परिवहन फेरे व ज्यादा किमी बढ़ाने को लेकर यह घटना हो सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले ओमप्रकाश बोहरा से एक वाहन चालक के विवाद की सूचना है। फिलहाल इस प्रकार की घटना ने विवि की कार्यप्रणाली पर कही न कही सवालिया निशान लगाएं है।

मजे की बात तो यह है कि विवि प्रशासन परिवादी के परिवाद का इंतजार कर रहा है। परीक्षा नियंत्रक से जब हमारे संवाददाता ने बातचीत की तो उन्होंने स्पष्ट किया कि परिवादी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। अब सवाल यह उठता है कि यदि यह गाड़ी विवि के ठेके पर लगी थी तो क्या विवि या ठेकेदार संबंधित वाहन चालकों की कोई छानबीन करता है या नहीं। अगर ऐसा नहीं करता है तो यह गंभीर विषय है। विवि को इसमें पहल करते हुए त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए थी। किन्तु ऐसा नहीं कर पीडि़त की शिकायत का इंतजार किया गया।

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