बीकानेर, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की गुरुवर्या, महतरा पद से विभूषित साध्वीश्री मनोजरश्रीजी म.सा. की सुशिष्या साध्वीश्री मृगावतीश्रीजी म.सा., बीकानेर मूल की साध्वीश्री सुप्रियाश्रीजीम.सा व नित्योदया श्रीजी म.सा का चातुर्मासिक प्रवेश शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे गोगागेट सर्किल स्थित गौड़ी पार्श्वनाथ से रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में गाजे बाजे व भक्ति भावना के साथ होगा। बाड़मेर में चातुर्मास करने के बाद बीकानेर पहुंची साध्वीवृंद का गुरुवार को प्रवास रेलदादाबाड़ी में रहा। साध्वीवृंद के प्रवास के दौरान पूजा, भक्ति व वंदन तथा भक्तामर के पाठ का आयोजन हुआ। साध्वीवृंद शुक्रवार को गोगागेट के बाहर धर्मनिष्ठ श्रावक स्वर्गीय बाबू लाल, गेवर चंद मुसरफ निवास पर पर प्रवास करेंगी ।
श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ श्रीसंघ, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट, चातुर्मास व्यवस्था समिति, खरतरगच्छ युवा परिषद, विचक्षण महिला मंडल, वर्द्धमान नवयुवक मंडल, आदिश्वर मंडल के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों ने गुरुवार को साध्वीवृंद के चातुर्मासिक प्रवेश को अंतिम रूप् दिया। चातुर्मास प्रवेश की शोभायात्रा के मार्ग पर 100 से अधिक स्थानों पर कट आउट, बैनर, पोस्टर लगाएं जा रहे है।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा ने बताया कि बीकानेर में साध्वीवृंद का पहला चातुर्मास है। नाहटा परिवार की सांसारिक बेटी साध्वी सुप्रियाश्रीजी (रेणुजी म.सा.) 38 साल के बाद बीकानेर में चातुर्मास करने आई है। साध्वीवृंद ने लगभग 4 दशक तक हिन्दुस्तान के विभिन्न प्रदेशों में चातुर्मास व पैदल विहार कर भगवान महावीर के सिद्धान्तों, आदर्शों तथा देव गुरु व धर्म की प्रतिष्ठा पूर्ण साधुचर्या की पालना करते हुए की।
चातुर्मास व्यवस्था समिति के संयोजक निर्मल पारख ने बताया कि श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के भीखम चंद बरड़िया,मनोज सेठिया, हेमंत खजांची, हस्तीमल सेठी, राजीव खजांची, मनोज नाहटा, हेमंत नाहटा, मनीष नाहटा, आदर नाहटा,अनिल सुराणा, महेन्द्र बरड़िया, विनीत नाहटा, जिनेन्द्र खजांची, हेमंत नाहटा, धवल नाहटा,पुनेश मुसरफ आदि के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी साध्वीजी के चातुर्मासिक प्रवेशोत्सव में अधिकाधिक भागीदारी के लिए जन संपर्क कर रहे तथा विभिन्न व्यवस्थाओं को प्रभावी बनाने के लिए कार्य कर रहे है। चातुर्मासिक प्रवेश में राजस्थान के साथ देश के विभिन्न स्थानों से श्रावक-श्राविकाएं बीकानेर पहुंचेगे। उनके आवास व भोजन की व्यवस्था श्रीसंघ की ओर से की गई है।