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बीकानेर, नई दिल्‍ली. टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के नए ऑपरेटिंग सिस्‍टम (OS) विंडोज 11 (Windows 11) को लेकर कंप्‍यूटर-लैपटॉप यूजर्स काफी उत्‍साहित हैं. वे जल्‍द से जल्‍द इस ओएस के नए वर्जन को अपनी मशीन में इंस्‍टॉल कर इसका इस्‍तेमाल करना चाहते हैं. साइबर अपराधी (Cyber Criminals) यूजर्स की इस उत्‍सुकता का फायदा उठा रहे हैं. वे लोगों को फर्जी विंडोज 11 इंस्‍टॉलर (Fake Installers) भेज रहे हैं, जिनमें मालवेयर (Malware) मौजूद है. ऐसे में ज्‍यादा जोश और छोटी-सी असावधानी आपको जोखिम में डाल सकती है. आसान शब्‍दों में समझें तो यूजर्स को ऐसे इंस्‍टॉलर से विंडोज 11 इंस्‍टॉल करने से बचना है.अपडेट के साथ एक्‍स्‍ट्रा प्रोग्राम के जरिये भेज रहे मालवेयर साइबर सिक्योरिटी कंपनी Kaspersk के मुताबिक, विंडोज 11 अपडेट को इंस्टॉल करने से यूजर्स फर्जी इंस्टॉलर का शिकार हो सकते हैं. इससे उनके कंप्यूटर में मालवेयर आ सकता है. साइबर सिक्योरिटी कंपनी ने बताया कि साइबर अपराधी विंडोज 11 अपडेट के साथ एक्स्ट्रा प्रोग्राम डालकर या मालवेयर पोस्ट कर रहे हैं. इनमें मौजूद फाइलों के नाम अपडेट जैसे ही दिखते हैं. ऐसी ही एक फाइल है. इसके नाम की वजह से 1.75 GB की यह फाइल एकदम सही लगती है. हालांकि, इसका ज्यादातर स्पेस एक डीएलएल फाइल है, जिसमें बेकार की जानकारी मौजूद है. यूजर्स को इस फाइल से बचना है.स्‍पॉन्‍सर्ड सॉफ्टवेयर इंस्‍टाल करने की भी मांग रहे सहमति
Kaspersk के मुताबिक, इस फाइल को रन करने से इंस्टॉलर अपना काम शुरू कर देगा. यह इंस्टॉलर विंडोज पर केवल एक आम इंस्टॉलेशन विजार्ड की तरह दिखता है. एक दूसरा इंस्टॉलर भी है, जिसमें लाइसेंस एग्रीमेंट भी दिया गया है. इसमें यूजर्स से कुछ स्पॉन्‍सर्ड सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने की सहमति मांगी जाती है. अगर यूजर्स एग्रीमेंट को मंजूर करते हैं तो उनके सॉफ्टवेयर में कुछ मालवेयर इंस्टॉल हो जाएंगे. इससे उनके कंप्यूटर की प्राइवेसी और सेफ्टी जोखिम में आ जाती है. साइबर सिक्योरिटी कंपनी ने फर्जी विंडोज 11 इंस्टॉलर से जुड़ी कई ऐसी कोशिशों को पकड़ा है. इसमें से ज्यादातर में दूसरे प्रोग्राम डाउनलोड और रन होते हैं.

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