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जयपुर। नाकारा निकम्मा शब्द पर राजस्थान की राजनीति में सियासत गरमाई हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को अपने भाषण में एक बार फिर नाकारा और निकम्मा शब्द का प्रयोग किया। जयपुर के बिडला सभागार में इआरसीपी पर कांग्रेस जन प्रतिनिधि सम्मेलन में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने नाकारा और निकम्मा शब्द की परिभाषा दी।

उन्होंने कहा कि मंत्री रामलाल जाट ने इन शब्दों को जो परिभाषा बताई है। वह सही है। मुख्यमंत्री ने कहा पड़ोस में जब दो बच्चे झगड़ा करते हैं तो एक पड़ोसी दूसरे पड़ोसी से कहता है कि पता नहीं क्या कर दिया। निकम्मा है। नाकारा है। यही तो कहते हैं। अपने बच्चे के लिए। वो ही बात मैं कहता हूं। ये निकम्मा है। नाकारा है। ये बात कही बार प्रेम से भी कही जाती है। सीएम ने कहा कि अब मैं प्रेम से भी कहूं तो तो कही लोग बुरा मान जाते हैं।

सचिन पर निशाना गौरतलब है कि गत दिनों पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री गहलोत के निकम्मा और नाकारा वाले बयान पर हमला किया था। आज मुख्यमंत्री ने उसी का पलटवार किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान नाम तो भाजपा के केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का लिया, मगर निशाने पर सचिन पायलट ही थे। पायलट के निकम्मा वाले बयान पर गहलोत ने कहा कि बच्चा समझकर बोल देते हैं। कोई अपना गलती करता है तो डांट लगाने के लिए बोलते हैं। बुरा मान जाते हैं।

पायलट ने बुजुर्ग कहा, तो उन्होंने बताया बच्चा गौरतलब है कि सचिन पायलट ने गहलोत के निकम्मा बोलने वाले बयान पर कहा था कि, वे बुजुर्ग हैं। पिता तुल्य हैं, इसलिए उनकी बातों का बुरा नहीं मानता। पायलट ने गहलोत को बुजुर्ग कहा तो गहलोत ने आज पायलट को बच्चा कहा।

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