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बीकानेर,प्रशासन ने चार माह पहले श्रीगंगानगर हाईवे के दोनों ओर झुग्गी-झोपड़ी लगाकर जमे लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की प्लानिंग की थी जो पूरी नहीं हुई। यहां तक कि कमिश्नर का अल्टीमेटम और कलेक्टर के सख्त निर्देश भी धरे रह गए।

उरमूल डेयरी से आगे श्रीगंगानगर रोड पर पिछले 15 सालों से झुग्गी-झोपड़ी लगाकर सैकड़ों परिवार बस गए हैं। अतिक्रमण के समय जिम्मेवार सरकारी महकमों के अधिकारी आंखे मूंदे रहे। करीब चार माह पूर्व अचानक प्रशासन की आंखें खुली और बड़ी समस्या बन चुके झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का फैसला लिया गया। कमेटी बनाकर इस काम का जिम्मा यूआईटी को सौंपा गया।

लेकिन, अब तक केवल शिफ्टिंग के लिए जगह चिह्नित करना, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवारों का सर्वे, मीटिंगों में राय-मशविरा करने का ही काम हो पाया है। यहां तक कि मई के शुरुआत में संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने देरी से खफा होकर अधिकारियों को एक माह का अल्टीमेटम दे दिया। कलेक्टर भगवतीप्रसाद कलाल ने भी जल्दी शिफ्टिंग के निर्देश दिए। इसके बावजूद यूआईटी अभी तक केवल प्लॉटिंग के काम में ही उलझी है। झुग्गी-झोपड़ी वालों को चकगर्बी में शिफ्ट करने के लिए 15 बाई 15 के 150 प्लॉट की मार्किंग की गई है। बिजली के पोल लगा दिए गए हैं।

यूआईटी ने झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को शिफ्ट करने के लिए रीको एरिया के पास जमीन चिह्नित की थी। वहां प्लॉटिंग भी कर ली। लेकिन, रेलवे ने आपत्ति जता दी। प्लॉटिंग एरिया के पास से ही रेलवे लाइन गुजर रही है। रेलवे के अधिकारियों का कहना था कि भविष्य में विस्तार करते समय उन्हें जमीन की जरूरत होगी। इसलिए झुग्गी-झोपड़ी वालों को वहा बसाना उचित नहीं। उसके बाद यूआईटी ने चकगर्बी में जगह तय कर प्लॉटिंग की है।

300 से ज्यादा परिवार का है आशियाना
झुग्गी-झोपड़ी वालों के मुखिया रणजीत सांसी का कहना है कि श्रीगंगानगर रोड पर 300 से ज्यादा परिवार बसे हैं जो मेहनत-मजदूरी कर गुजारा कर रह हैं। पूर्व में यूआईटी ने सर्वे कर 256 परिवारों को चिह्नित किया था। झुग्गी-झौंपड़ी में रहने वाले कुछ लोगों ने अपने को इस प्रक्रिया से अलग किया तो एकबारगी संख्या 210 हो गई थी। कुछ परिवारों की अपनी जमीन-मकान होने के कारण उन्हें शिफ्ट करने से मना कर दिया गया।

बाद में प्रक्रिया से अलग हुए लोग वापस जुड़ गए तो संख्या 300 पहुंच गई है। प्रशासन की ओर से चकगर्बी में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है। उसके बाद ही शिफ्टिंग होगी।

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