
बीकानेर,संविधान ने भारत में रहने वाले प्रत्येक बच्चे को पढऩे का अधिकार दिया है। इसको लेकर निजी स्कूलों में सरकार की ओर से राइट टू एज्यूकेशन के तहत निजी स्कूलों में पढऩे वाले गरीब,जरूरतमंद व पात्र 25 फीसदी बच्चों का शुल्क निजी स्कूलों को दिया जा रहा हैं, किंतु बीकानेर में लम्बे समय से आरटीई का भुगतान नहीं होने से परेशान निजी स्कूल संचालकों में खासा आक्रोश व्याप्त है। बुधवार को यह आक्रोश देखने को मिला। स्कूल एज्युकेशन वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले बीकानेर निजी स्कूलों के संचालक तथा इन स्कूलों में अध्ययन कराने वाले शिक्षक सडक़ों पर उतर आए। वकायदा इन शिक्षकों में आरटीई के भुगतान की तख्तियां लेकर कलक्ट्रेट से रवाना होकर कीर्ति स्तम्भ होते हुए शिक्षा निदेशालय व उसके बाद वापस कलक्ट्रेट पर रैली के रूप में पहुंचे। जहां इन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सरकार ने आटीई का भुगतान नहीं किया तो इस योजना के तहत निजी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को स्कूल से बाहर निकाल दिया जाएगा। इससे पहले प्रदेशभर से आएं निजी स्कूल संचालकों की सभा कर्मचारी मैदान में हुई। जहां कोडाराम भादू की अगुवाई में अनेक वक्ताओं ने आरटीई का भुगतान नहीं होने पर सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। बाद में एक शिष्टमंडल ने शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा। बता दें कि बीकानेर सहित प्रदेश की निजी स्कूलों में आरटीई के तहत अध्ययनरत विद्यार्थियों का प्रदेश की सरकार ने पिछले तीन सालों से भुगतान नहीं किया है। जिसके कारण निजी स्कूल संचालकों को आर्थिक तंगी के दौर से गुजरना पड़ रहा है।