बीकानेर में जिप्सम खनन से हर रोज सरकार को लाखों रुपए की आय टेक्स के रूप में हो रही है, इसके बाद भी व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है। इसी मुद्दे को लेकर क्षेत्र के जिप्सम व्यापारी अब आर पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। पिछले दिनों पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने खनन के मुद्दे पर ही आंदोलन छेड़ा था। इसके बाद अब जिप्सम ट्रांसपोर्ट करते हुए टेम्पररी परमिट लेने की बाध्यता से व्यापारी नाराज हो गए हैं।
व्यापारियों का कहना है कि श्रीकोलायत से निकलने वाला जिप्सम पर कई तरह के टेक्स जमा कराता है। हर महीने करोड़ों रुपए का टेक्स सरकार को दिया जाता है। इसके बाद भी सरकार व्यापारियों की डिमांड को गंभीरता से नहीं ले रही है। अब अगर जिप्सम ट्रांसपोर्ट करने में नित नई शर्तों के कारण व्यापारियों ने चक्के जाम करने की चेतावनी दी हुई है। ऐसे में हर रोज सरकार को लाखों रुपए के टेक्स का भी नुकसान होगा। नाराज व्यापारियों ने सोमवार को कलक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। उससे पहले पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने भी इस आंदोलन को समर्थन देते हुए अवैध रूप से वसूली का विरोध किया।
ऑल राजस्थान जिप्सम प्लास्टर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपी किशन गहलोत ने बताया कि बाहर से आने वाले जिप्सम में पर रॉयल्टी लग रही है। जिससे व्यापारियों काे कोई परेशानी नहीं है। अब फैक्ट्रियों वालों से टेम्परेरी परमिट लेने के आदेश दिए गए हैं। इसके विरोध में व्यापारी प्रदर्शन कर रहे हैं। ये भी चेतावनी दी है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीकानेर आगमन पर यहां विरोध होगा। मुख्यमंत्री का घेराव करने के साथ ही ज्ञापन दिया जाएगा। गहलोत ने बताया कि मुख्यमंत्री के बीकानेर आने से पहले ही खनन व परिवहन विभाग के अधिकारियों को मामले को निपटाना होगा, अन्यथा मुख्यमंत्री के आगे विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
पिछले दिनों पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने श्रीकोलायत में बजरी खनने में परेशानी कर रहे रॉयल्टी ठेकेदारों के खिलाफ आंदोलन किया था। भाटी ने अवैध रूप से हो रही वसूली के खिलाफ लंबे आंदोलन की चेतावनी दी। अब बीस जून तक सभी बजरी खदानें बंद रखने का निर्णय किया गया है। बजरी खनन में अवैध रॉयल्टी ली जा रही है। बजरी रॉयल्टी पचास रुपए जबकि सिलिका की एक सौ दो रुपए हैं। ऐसे में बजरी की जगह सिलिका की रॉयल्टी काटकर अधिक रुपए लिए जा रहे हैं। बजरी ओवरलोड के लिए 1100 रुपए की पर्ची काटी जाती है जबकि 11 हजार रुपए अवैध रूप से वसूली की जा रही है।