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बीकानेर,आज ऑल राजस्थान जिप्सम प्लास्टर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की एक बैठक रखी गई जिसमें सरकार के उक्त आदेश में पीओपी जिप्सम प्रोसेसिंग युनिट को कानूनी पेचीदगी में फंसा कर पहले से मृत पड़ी लघु इकाईयों को तंग -परेशान किया जा रहा है।

प्रदेश अध्यक्ष गोपी किशन गहलोत का कहना है की सरकार में अफसरशाही को हावी कर संवैधानिक लोकतान्त्रिक व्यवस्था को उक्त आदेश से खुले तौर पर चुनौती दी जा रही है जो हम पीओपी / जिप्सम प्रोसेसिंग अतिसुक्ष्म लघु इकाईयों पर बेमतलब भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिये खनिज विभाग द्वारा मासिक अवैध रूप से वसूली करने के लिये उठाया गया अनावश्यक कदम है।

हमारे निम्नलिखित मागो पर गौर फरमावें तथा प्रोसेसिंग युनिट जिप्सम प्लास्टर इकाई / पीओपी इकाई को उक्त आदेश से तटस्थ रखा जावे।

यह कि पीओपी/जिप्सम प्रोसेसिंग लघु इकाईयों पर कतई लागू नहीं किया जा सकता कारण यह कि हर उद्यमी प्रोसेसिंग करते वक्त माल (जिप्सम) को तैयार माल के रूप में परिवर्तित करने के दौरान विभिन्न प्रकार के केमिकल को मिक्स करते हैं जिससे माल की समय सेटिंग, टाईम, माल की सफेदी बढ़ाने व माल की लागत को कम करने के लिए किया जाता है, इसका पैमाना युनिट धारक अपनी- अपनी आवश्यकतानुसार तय करते हैं। उदाहरणार्थ जिप्सम के साथ केल्शियम, डोलोलाईट, चिपिंग पाऊडर, परलाईट वर्मीकुलेट, साइट्रिकएसिड का उपयोग करते हैं। इस प्रकार पीओपी / जिप्सम प्लास्टर इकाई में सरकार द्वारा जिप्सम की मात्रा को तय करना असंभव है। उक्त आदेश को थोपना अन्यायपूर्ण, विधिविरूद्ध है।

यह कि उक्त सरकारी आदेश उद्यमियों की राय के बिना उनकी उत्पादन प्रकिया को समझे बिना धरातल पर कार्य व्यवस्था को समझे बिना, सर्वे किया बिना लिया गया है जिसे हम सिरे से नकारते हैं।

यह कि उक्त आदेश बीकानेर क्षेत्र के कई राजनैतिक लोग जो कि धड़ल्ले से जिप्सम व अन्य खनिजों पर काबिज लोगों की शह पर लिया गया अनावश्यक आदेश है ताकि अधिकारीगणों की आड़ में मिली भगती कर लघु इकाईयों को दायरे में लाकर चौथ वसूली कर सके ।

यह कि जिप्सम पर पहले से ही रॉयल्टी ठेका खनिज लीज जारी किया जा चुका है, पूरी प्रक्रिया के साथ खनन क्षेत्र से ढो कर जिप्सम लाया जाता है। कई नियम बनाये जा चुके हैं फिर भी अवैध खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है, सरकार रोकने में नाकाम रही है।

यह कि सरकार में विराजमान राजनैतिक लोग व माफिया लोगों के आगे सरकार, प्रशासन घुटने टेक चुका है। उद्यमी को मजबूरन अपनी युनिट को चलाने के लिये ऊंची दरों पर जिप्सम खरीदना पड़ रहा है। सरकारी रेवेन्यू को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हमारी एसोसियेशन द्वारा कई मर्तबा आगाह करने के बावजूद अवैध खनन पर कार्यवाही नहीं हो रही है जो कि अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है।

यह कि उक्त आदेश निदेशक द्वारा राजनैतिक दबाव व माफिया लोगों के साथ मिलीभगती से बिना सोचे-समझे लिया गया है जो कि पूर्णतः तथ्यहीन है। पूर्व से बनाये गये कानूनों को सरकार लागू नहीं कर पा रही है। अवैधखनन को रोक नहीं पा रही है तब फिर नये-नये निर्देश देने का औचित्य ही क्या है ?

यह कि उक्त आदेश से बीकानेर में स्थित 300 लघु इकाईयां व राजस्थान में स्थित कुल 700 इकाईयां चल रही है, वो कानूनी पेचीदगी में फंस कर बन्द हो जायेगी । इस व्यवसाय से जुड़े मजदूर व फैक्ट्री मालिक बेरोजगार हो जायेंगे, परोक्ष / अपरोक्ष रूप से सरकारी रेवेन्यू का नुकसान हो जायेगा।

आपके कुशल प्रशासनिक अनुभव से सरकार चल रही है। आप द्वारा उद्योगों को बढावा मिल रहा है, बेरोजगारी नियन्त्रण में है, ऐसे में किसी एक अधिकारी के आदेश से सैकड़ों लघु इकाईयों का बन्द हो जाना दुर्भाग्यपूर्ण होगा। अतः आपसे निवेदन है कि उक्त अधिकारी/निदेशक की हठधर्मिता को तुरन्त प्रभाव से रोकें, अन्यथा लाखों लोग बेरोजगार हो जायेंगे ।

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