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बीकानेर.चार दशक पहले गुणाधिपति तुलसी के समक्ष जीवन भर नंगे पैर रहने का संकल्प आज भी भीनासर निवासी 85 वर्षीया कंचन देवी सेठिया निभा रही हैं। तेरापंथ धर्म संघ में आस्था रखने वाली कंचन देवी शनिवार को आचार्य महाश्रमण के दर्शन के लिए तेज धूप में नोखा रोड पर बिना चप्पल-जूते पहने खड़ी हुई थी। उन्होंने बताया कि करीब 40 वर्ष पहले गणाधिपति तुलसी उनके पति लिखमीचंद सेठिया के आग्रह पर घर पधारे थे। वहां उन्होंने कोई संकल्प लेने को कहा तो गुरुदेव को नंगे पैर देखकर मैंने उसी समय आगे का जीवन नंगे पैर ही रहने का निर्णय कर लिया। धर्म संघ के आचार्यो की कृपा से यह संकल्प मै आज भी निभा पा रही हूं। पुत्रवधू बबीता सेठिया ने बताया कि मां को कपड़े के जूते भी लाकर दिए लेकिन इन्होंने पहनने से इंकार कर दिया। कंचन देवी के पुत्र मोहन सेठिया को यह चिंता है कि मां शुगर और बीपी की पेशेंट है और डॉक्टर कहते हैं कि इनके पैर नंगे नहीं रहने चाहिए। मां के संकल्प के आगे हम भी मजबूर हैं। कंचन देवी आज भी गुरुदेव के संकल्प का पालन कर रही हैं।

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