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खाजूवाला,अनूपगढ़-घड़साना-रोजड़ी-रावला-खाजूवाला, पूगल-682 आरडी, करणीसर, जालवाली, नूरसर होते हुए जामसर (बीकानेर) लाईन में सम्मिलित कर नई रेलवे लाईन प्रस्तावित कर सीमांत क्षेत्र की जनता, एमएफएफआर (महाजन फील्ड फायरिंग रेंज) और सीमा सुरक्षा बल के हितार्थ उक्त रेलवे लाईन को स्वीकृत करवाने की मांग दिन-प्रतिदिन जोर पकड़ती जा रही है। बुधवार को अनूपगढ़-बठिंडा रेल सेवा को पुनः शुरू करने तथा अनूपगढ़-बठिंडा-सिरसा नई रेल सेवा शुरू करने के अवसर पर केंद्रीय राज्य रेलमंत्री रावसाहेब दादाराव पाटिल दानवे एवं केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की वर्चुअल उपस्थिति एवं नगर पालिका चेयरमैन प्रियंका बलान ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया। इस इस अवसर पर केंद्रीय राज्य रेल मंत्री रावसाहेब दादाराव पाटिल दानवे एवं केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अनूपगढ़ से घड़साना-रोजड़ी-छतरगढ़-रावला-खाजूवाला-पूगल-बीकानेर रेलवे लाइन का सर्वे करने का आश्वासन दिया। रेल विकास संघर्ष समिति खाजूवाला अध्यक्ष मदन अरोड़ा, संरक्षक शंकरलाल पारीक, संरक्षक रामप्रताप भादू, सचिव मनीराम गोदारा ने मंडल रेल प्रबंधक उत्तर पश्चिम बीकानेर को मण्डीवासियों की और से दिए गए ज्ञापन में लिखा कि अनूपगढ़-घड़साना-रोजड़ी-रावला-खाजूवाला होते हुए पूगल-682 आरडी, नूरसर, जामसर (बीकानेर) लाईन में सम्मिलित कर नई रेलवे लाईन प्रस्तावित कर सीमांत क्षेत्र की जनता, एमएफएफआर (महाजन फील्ड फायरिंग रेंज) और सीमा सुरक्षा बल के हितार्थ उक्त रेलवे लाईन को स्वीकृत करना अति आवश्यक है। वर्तमान भारत सरकार के प्रति गति एवं समुचित सबका विकास की परिकल्पना में उक्त नई रेल लाईन पश्चिम राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र (बॉर्डर) क्षेत्र में जीवन रेखा साबित होगी चूंकि अनूपगढ़ से घड़साना-रोजड़ी-रावला-खाजूवाला राजस्थान की इन्दिरा गांधी नहर परियोजना की बड़ी कृषि मण्डियां हैं, जहां से लाखों टन अनाज पैदा होता है। पशु पालन, भेड़ पालन का व्यवसाय भी बड़े स्तर पर है। ऊन मण्डी, ग्वार, गेहूं तथा सरसों की पैदावार लाखों टन होती है। खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र होने के साथ-साथ यहां जिप्सम के भरूपर भण्डार भी इस क्षेत्र में हैं। जिप्सम के भण्डार, कृषि प्रधान मण्डी खाजूवाला से रेलवे विभाग को कभी नुकसान नहीं होगा जबकि हमेशा अच्छा राजस्व ही प्राप्त होगा। आजादी के 70 वर्ष बाद भी सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रेलवे मार्ग पर किसी का भी ध्यान आकृर्षित नहीं हुआ है और ना ही किसी के पास आपके जैसी सोच है। आपका जज्बा देखकर भारत-पाक सीमा बॉर्डर पर रहने वाले लाखों नागरिकों के मन में एक ही आशा जगी है कि आप जैसे कर्तव्यनिष्ठ, निष्ठावान और ईमानदार व्यक्ति ही रेलवे लाईन इस क्षेत्र में लाकर समस्या का समाधान कर सकते हैं। इस प्रस्तावित रेलवे रूट से सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों के साथ-साथ सीमा सुरक्षा बल को भी काफी फायदा होगा। सीमा सुरक्षा बल को ओर मजबूत करने के लिए इस रेलवे लाईन को अनूपगढ़ से घड़साना-रोजड़ी-रावला-खाजूवाला-पूगल-682 आरडी, करणीसर, जालवाली, नूरसर, जामसर, बीकानेर से जोड़ना उचित होगा। अनूपगढ़ से खाजूवाला होते हुए बीकानेर तक रेल मार्ग स्वीकृत होने से लगभग 9 लाख से 10 लाख लोग रेलवे सुविधा से लाभान्वित होंगे। अधिकांश क्षेत्र कृषि क्षेत्र एवं निम्न आय के लोग अधिक होने के कारण यात्रा से काफी आर्थिक लाभ होगा तथा अनूपगढ़ से खाजूवाला तक प्रस्तावित रेल मार्ग से बीएसएफ (बॉर्डर) की लगभग 40 पोस्ट लाभान्वित होंगी। अनूपगढ़ से घड़साना-रोजड़ी-रावला-खाजूवाला-पूगल-बीकानेर रेल लाईन आने से सेना की गतिविधियां बहुत शीघ्रता से निष्पादित होंगी। सेना को किसी भी गतिविधि के लिए अपेक्षित अस्त्र-शस्त्र को सीमा के नजदीक वांछित स्थल पर शीघ्रता से उपलब्ध करवाया जा सकता है। वर्तमान परिपेक्ष में सीमा पर बढ़ती हुई आतंकवादी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए यह रेल लाईन मील का पत्थर साबित होगी। रेल लाईन नाल सैनिक हवाई अड्डा से जुड़ेगी जिससे सेना को सीमा पर पहुंचने में सुविधा होगी। ज्ञात रहे यह हवाई अड्डा वर्ष 1965-1971 में युद्ध के समय सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित हुआ था। भविष्य में पाक पर दबाव बनाने के लिए इस रेल लाईन को सीमा क्षेत्र की रेलवे लाईन से जोड़ना बहुत ही महत्वपूर्ण है। खाजूवाला क्षेत्र अनेक नहरांे से जुड़ा हुआ क्षेत्र है तथा कृषि प्रधान मण्डी के साथ-साथ काफी बडे़ भूभाग में खेती होती है। अनाज के भण्डार होने के कारण दूसरे राज्यों में अनाज भेजने के लिए रेलवे लाईन काफी महत्वपूर्ण साबित होगी। खाजूवाला मण्डी को भविष्य में ई-मण्डी बनाया जा सकता है जिससे किसानों की आय बढ़ेगी, जो आपकी सोच के अनुसार ही है। खाजूवाला-पूगल-दंतौर क्षेत्र में भारी मात्रा में जिप्सम उपलब्ध है तथा जिप्सम का परिवहन बड़ी मात्रा में होता है। जिप्सम की खानों से लाखों टन जिप्सम दूसरे राज्यों मंे रेलवे द्वारा भेजा जा सकेगा जिससे रेलवे विभाग की आय में बढ़ोत्तरी होगी। रेल लाईन के आने से छोटे व्यापारियों की आय भी बढ़ेगी वहीं भविष्य में इस क्षेत्र में इण्डस्ट्रीज आने की संभावना भी बढ़ेगी। खाजूवाला से पूगल-आरडी 682 से रेल मार्ग आने पर 10 से 15 बड़े गांव जुड़ेंगे, जहां पर हाथ करगा का कार्य बड़े पैमाने पर होता है जिससे इस रेल लाईन से सामान का परिवहन अन्य स्थानों पर आसानी से होगा। खाजूवाला क्षेत्र रेलवे लाईन से जुड़ने पर बीकानेर संभाग एक रिंग रेलवे लाईन से जुड़ जायेगा और यहां के लाखों निवासीगण बीकानेर, रतनगढ़, हनुमानगढ़, सादुलशहर, श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, खाजूवाला से जुड़ जायेंगे जिससे अन्य राज्यों में यात्रा करनी आसान होगी वहीं रेलवे विभाग को यात्रियों से अच्छा राजस्व प्रतिदिन प्राप्त होगा। इस रेलवे मार्ग के स्वीकृत होने पर रोजड़ी में एमएफएफआर (महाजन फील्ड फायरिंग रेंज) का बड़ा रेलवे स्टेशन बनाया जा सकता है, जहां पर सैनिकों को प्रशिक्षण के लिए एमएफएफआर रेंज में भेजने के लिए सुविधा दी जा सकती है तथा उन प्रशिक्षणनार्थ सैनिकों के लिए उनके सामान एवं प्रशिक्षण हथियारों को एक साथ एवं कम खर्च से परिवहन करना संभव हो सकेगा। रोजड़ी में बड़ा रेलवे स्टेशन बनने से छत्तरगढ की दूरी महज 4 किमी की रहेगी, ऐसे में छत्तरग भी रेलवे लाईन से जुड़ जायेगा। बीकानेर लोकसभा क्षेत्र की अनूपगढ, खाजूवाला दोनों विधानसभा क्षेत्र के लोगों को पूर्ण रुप से इस रेलवे लाईन का लाभ मिलेगा। रेलवे लाईन को सीमा सुरक्षा बल की दृष्टि से महत्वपूर्ण होने की वजह से आप गौर फरमाकर आने वाले बजट में शामिल कर शीघ्र ही स्वीकृति प्रदान करवा कर क्षेत्रवासियों को तोहफा दें जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ें।

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