









बीकानेर,एक महीने में दूसरी बार ब्याज दर ( interest rates ) बढ़ने से ट्रेड-इंडस्ट्री खासकर रियल एस्टेट ( Real estate ) के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। बिल्डरों का कहना है कि इससे मकानों की बिक्री को झटका लगेगा और बैंकों ने रेट बढ़ाने में तेजी दिखाई तो महीनों की सुस्ती से उबरने की रफ्तार फिर थम सकती है।*
एक महीने में दूसरी बार ब्याज दर बढ़ने से ट्रेड-इंडस्ट्री खासकर रियल एस्टेट के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। बिल्डरों का कहना है कि इससे मकानों की बिक्री को झटका लगेगा और बैंकों ने रेट बढ़ाने में तेजी दिखाई तो महीनों की सुस्ती से उबरने की रफ्तार फिर थम सकती है। रियल एस्टेट उद्योग के संगठन क्रेडाई राजस्थान के अध्यक्ष धीरेन्द्र मदान का कहना है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी के फैसले से रियल एस्टेट की वृद्धि पर असर पड़ेगा और घरों की मांग प्रभावित हो सकती है। कम रेपो दरों ने महामारी के दौरान रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा दिया था। आरबीआई द्वारा रेपो दर में वृद्धि रियल एस्टेट उद्योग के लिए हैरान करने वाली है। हम रियल्टी क्षेत्र में वृद्धि के रुझान देख रहे हैं और डवलपर्स महामारी की चुनौतियों के बीच काफी हद तक जुझारू क्षमता दिखाते रहे हैं। हालांकि, यह वृद्धि उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति को प्रभावित करेगी, लेकिन हमें लगता है कि घर खरीदार इसे स्वीकार कर लेंगे।
घर खरीदने का इरादा टाल सकते हैं
मदान ने कहा कि कच्चे माल की बढ़ती कीमतों और ब्याज दर बढ़ने से लोग घर खरीदने का इरादा कुछ दिनों के लिए टाल सकते हैं। इसके अलावा सीमेंट, इस्पात, मजदूरी आदि लागत बढ़ने से आवासीय क्षेत्र का बोझ बढ़ेगा। यह बढ़ोतरी कम ब्याज दर का दौर खत्म होने की ओर संकेत करती है।
इंडस्ट्री सेंटीमेंट को झटका लगेगा
आगामी फेस्टिव सीजन के मद्देनजर सेल्स को स्कीमों और ऑफर्स से लबरेज करने में जुटे रियल्टर्स को आशंका है कि बैंकों ने भले ही पिछली कटौतियों को पासऑन करने में कोताही बरती हो, लेकिन दो बार की बढ़ोतरी को वे तुरंत लागू करेंगे। लेंडिंग रेट में इजाफे का सीधा असर इस सेक्टर की ग्रोथ पर पड़ता है। रेट बढ़ने से बिल्डर और ग्राहक दोनों की कॉस्ट बढ़ेगी और डिमांड में कमी आएगी। महंगाई की वजह से यह आरबीआई की मजबूरी हो सकती है, लेकिन लगातार दो बार बढ़ोतरी से इंडस्ट्री सेंटीमेंट को झटका लगेगा।
