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बीकानेर,विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ रोजगार से जोड़ने की मंशा से प्रदेश के स्कूलों में लगाए गए व्यावसायिक प्रशिक्षको पर नौकरी की तलवार लटकती नजर आ रही है। इसको लेकर व्यवसायिक प्रशिक्षक संघ ने केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को ज्ञापन सौपा। इस दौरन पवन बिश्नोई, राजकुमार तंवर, हरफूल, बीरबल एव समस्त हेल्थ केयर ट्रेड व्यावसायिक प्रशिक्षक मौजूद रहे। ज्ञापन में बताया की देश भर के सैंकड़ो हेल्थ केयर विषय के व्यावसायिक प्रशिक्षक सभी राज्यों में पिछले कुछ वर्षों से केन्द्र सरकार प्रवर्तित व्यावसायिक योजना के अन्तर्गत राजकीय विद्यालयो में विद्यार्थियों को प्रशिक्षित व हुनरमंद बना रहे हैं। राज कुमार तंवर ने बताया की सरकारी स्कूलों में अध्यनरत विधार्थियो को प्रशिक्षको द्वारा ऑटोमोबाइल्स, हैल्थ केयर, ट्रेवल्स एवं टूरिज्म, ब्यूटीशियन,आईटी, एग्रीकल्चर सहित विषयो की पढ़ाई करवाई जा रही है ताकि विद्यार्थियों को हुनरमंद व आत्मनिर्भर बन सके लेकिन पिछले कुछ महीने से शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा हेल्थ केयर ट्रेड के जॉब रोल व एडमिशन बंद करने का आदेश जारी हुआ है जिससे वर्षों से कार्यरत सैंकड़ो हेल्थ केयर व्यावसायिक प्रशिक्षकों की रोजी रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। हेल्थ केयर विषय वर्तमान समय में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है जिनमें विद्यार्थियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व उपचार हेतु प्रशिक्षित करता है और विकट परिस्थितियों के लिए हेल्थ वर्कर तैयार करता है। इसलिए हेल्थ केयर प्रशिक्षको ने केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से मिलकर ज्ञापन सौपा और आदेश को वापस लेने की मांग की है। बता दे की केंद्र सरकार ने 2012 में व्यावसायिक शिक्षा का शुभारंभ किया था। प्रदेश में सत्र 2014-15 में सरकारी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा योजना शुरू की। वर्तमान में प्रदेश के 905 विद्यालयों में योजना संचालित है। जिनमें लगभग 2 हजार शिक्षक हैं।

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