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जयपुर,शिक्षा विभाग में पिछले सालों में रिव्यू रिवीजन सूची से अस्थाई रूप से व्याख्याता बनाए गए वरिष्ठ शिक्षकों पर अब पदानवति की तलवार लटक गई है।

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पिछले दिनों राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 2021 को लागू किया था। सरकार ने नियम लागू करने के बाद इसी नियम के मुताबिक तैयारियां भी आरंभ कर दी लेकिन पिछले कई सालों में रिव्यू और रिवीजन सूची में व्याख्याता बनाए गए सैकड़ों वरिष्ठ अध्यापकों के बारे में नियमों में कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किए जिसके चलते अब विभागीय अधिकारी भी असमंजस में हैं और सरकार से इस संबंध में दिशा निर्देश मांगे हैं।

*यह आ रही है परेशानी*

विभाग ने पिछली डीपीसी में रिव्यू और रिवीजन सूची के सैकड़ों वरिष्ठ शिक्षकों को अस्थाई रूप से व्याख्याता बना दिया। जब यह प्रक्रिया पूरी की गई उस समय नए शिक्षा सेवा नियम लागू नहीं हुए थे। परेशानी यह आ रही है कि जिन वरिष्ठ शिक्षकों को व्याख्याता बनाया गया उन सभी के स्नातक और अधि स्नातक में विषय अलग अलग थे। उन्हें अस्थाई पदोन्नति दे दी गई लेकिन अब विभाग नए सेवा नियम लागू कर चुका है ऐसे में यह पदोन्नत व्याख्याता पदोन्नति केपात्र नहीं रह गए हैं। जबकि वर्तमान में सभी व्याख्याता के पद पर काकम रहे हैं और उच्च माध्यमिक स्कूलों में अध्यापन करवा रहे हैं। यही नहीं इनको वेतन भी व्याख्याता का ही मिल रहा है।

*यह हैं शिक्षा सेवा के नए नियम*

गौरतलब है कि पहले किसी भी विषय में पोस्ट ग्रेजुएट करने वाले वरिष्ठ शिक्षक को व्याख्याता बनाया जाता था लेकिन नए नियमों में ग्रेजुएट के विषय में भी पोस्ट ग्रेजुएट होने वाले को पदोन्नति का पात्र माना गया है। पिछले दिनों शिक्षा विभाग की ओर से जो व्याख्याता विभिन्न विषयों में 2021-22 डीपीसी के लिए पात्रता सूचियां जारी की गई हंै वह भी नए राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 2021 के तहत जारी की गई हंै। इसमें केवल उन 18421 वरिष्ठ अध्यापकों के नाम शामिल किए गए हैं जिनके ग्रेजुएट तथा पोस्टग्रेजुएट में समान विषय हैं।

*शिक्षक कर रहे नए नियमों का विरोध*

शिक्षक संगठन नए नियमों का निरंतर विरोध कर रहे हैं। इन संगठनों का कहना है कि विभाग में विज्ञान और वाणिज्य संकाय बहुत कम संख्या में खोले जाते हैं वर्तमान में भी जिन सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में नए संकाय खोले गए हैं उन सभी में केवल कला संकाय ही खोला गया है इससे विज्ञान व वाणिज्य संकाय वालों को पदोन्नति के बहुत कम अवसर मिलेंगे।
वहीं दूसरी ओर आरपीएससी की ओर से व्याख्याता सीधी भर्ती परीक्षा के लिए जो आवेदन मांगे गए हैं उनमें भी ग्रेजुएट के विषयों में पोस्ट ग्रेजुएट होना आवश्यक नहीं रखा गया है।

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