बीकानेर,रोज-रोज के झगड़े से तंग आकर पत्नी ने पति को ही मौत के घाट उतार दिया था। हथौड़े से वार करने के बाद पति ढेर हो गया तो उसकी लाश को ठिकाने लगाने में 19 साल के बेटे ने साथ दिया। कमरे में बिखरे खून को बेटे के साथ मिलकर साफ किया। इसके बाद बॉडी को बाड़े में 4 फीट गहरे गड्ढे में दफना दिया। इससे पहले पत्नी ने दो बार करंट लगाकर मारने का प्रयास किया था, पर वह बाल-बाल बच गया था। पत्नी की कोशिश थी कि मर्डर को हादसे का रूप दे सके। इसमें वह कामयाब नहीं हो सकी। अब मां-बेटा जेल में हैं। पूरा मामला बीकानेर के लूणकरणसर के कपूरीसर गांव का है। पुलिस अब चालान पेश करने की तैयारी में है।
2 मई की वारदात
2 मई को द्धारका प्रसाद पूनिया (40) को उसकी पत्नी मनोज कुमारी (36) ने मार डाला था। देर रात घर में ही उसके सिर पर हथौड़े से वार कर किया था। उस दौरान बेटा मनीराम (19) मौके पर था। पुलिस पूछताछ में मनोज ने जो खुलासे किए, वो चौंकाने वाले थे। 2 मई की इस वारदात का 26 दिन बाद खुलासा हुआ। 28 मई को मनोज को गिरफ्तार कर लिया गया। मनोज ने पुलिस को बताया कि वो कई दिनों से पति द्धारका को मारने की कोशिश कर रही थी। इसलिए बार-बार उसके पास बिजली के खुले तार उसके आसपास छोड़ देती थी। उसको करंट लगा भी, पर वह बच गया। मनोज चाहती थी कि पति की मौत हादसा लगे। कई बार फेल होने के बाद उसने हथौड़े से सिर पर वार कर हत्या कर दी। इसमें बेटे मनीराम ने भी उसका साथ दिया। 29 मई को मनीराम की गिरफ्तारी हुई थी।द्धारका प्रसाद पूनिया पत्नी से बार-बार झगड़ा करने के कारण मौत के घाट उतार दिया गया। पत्नी और बेटे ने घर के पास ही 4 फीट गहरे गड्ढे में शव दफन कर दिया था।द्धारका प्रसाद पूनिया। पत्नी से बार-बार झगड़ा करने के कारण मौत के घाट उतार दिया गया। पत्नी और बेटे ने घर के पास ही 4 फीट गहरे गड्ढे में शव दफन कर दिया था।
खुल छोड़ दिया था बिजली का तार
पिछले कई दिनों से पुलिस इस मामले की छानबीन कर रही है। जांच में सामने आया कि पत्नी मनोज कुमारी और पति द्धारका के बीच काफी समय से झगड़ा चल रहा था। पत्नी इतनी परेशान थी कि कुछ दिन पहले सोते वक्त खुले तार पति के पास छोड़ दिए थे, जिसमें करंट चालू था। पति करंट की चपेट में आया, लेकिन बच गया। तब घर में सभी लोगों ने सोचा कि दुर्घटनावश ऐसा हो गया। इसके बाद फिर झगड़ा हुआ तो दो मई की रात उसने देर रात पति पर हथौड़े से वार किया। एक ही वार में पति द्धारका ढेर हो गया। इसके बाद उसने बेटे मनीराम को बुलाया। ईंट ढोने वाली रेहड़ी में पति को डालकर घर के पास ही खुले बाड़े में ले गए। करीब 4 फीट गहरा गड्ढा खोदकर उसमें पति को दफना दिया।
अब दोनों जेल पहुंचे
घटना के 26 दिन बाद द्धारका प्रसाद के मौसेरे भाई ने सख्ती के साथ मनोज से पूछताछ की तो पूरी पोल खुली। द्धारका के पिता की रिपोर्ट पर एफआईआर पर पुलिस ने शव को जेसीबी की सहायता से गड्ढे से निकाला था।पुलिस ने मां-बेटे को गिरफ्तार करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सीओ लूणकरनसर नारायण कुमार बाजवा ने बताया कि मामले की छानबीन अभी चल रही है। जल्द से जल्द चालान पेश किया जाएगा।