बीकानेर,केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने शनिवार को इथेनॉल (Ethanol) जैसे वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल करने पर जोर दिया और कहा कि निर्माण और कृषि उपकरणों में इथेनॉल को पेश करने के प्रयास जारी हैं. नितिन गडकरी महाराष्ट्र के पुणे (Pune) में वसंतदादा चीनी संस्थान द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय चीनी सम्मेलन 2022 में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि इथेनॉल और मेथनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन के साथ-साथ इलेक्ट्रिक भविष्य है. मुझे याद है, 3 साल पहले जब मैं ई-वाहनों (Electric Vehicles) की बात करता था तो लोग मुझसे सवाल करते थे. लेकिन अब देखिए, ई-वाहनों की काफी डिमांड है, लोग इंतजार में हैं. इलेक्ट्रिक स्कूटर, इलेक्ट्रिक कारों और इलेक्ट्रिक बसों के बाद जल्द ही मैं इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर (Electric Tractor) और ट्रक भी लॉन्च करूंगा.
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि बजाज, टीवीएस और हीरो फ्लेक्स इंजन मोटरसाइकिल और ऑटो लाए थे. मैं पीएम के पीछे गया और पुणे में इंडियन ऑयल के 3 एथेनॉल पंप लिए. लेकिन अभी तक यहां इसकी एक बूंद भी नहीं बिकी, इसलिए मैं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से अनुरोध करना चाहता हूं, चलो एक साथ आते हैं और बजाज के साथ बैठक बुलाते हैं. पुणे में 100% एथेनॉल पर स्कूटर-ऑटो शुरू करने के लिए हम बजाज से बात करेंगे. यहां से शुरू करते हैं. इससे प्रदूषण भी कम होगा. पुणे में इथेनॉल पंप स्थापित करते हैं ताकि किसानों को सीधे ईंधन बेचने में मदद मिल सके.
क्या बोले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी?
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि देश ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में जरूरतों को पूरा करने के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के पेट्रोलियम उत्पादों का आयात करता है, और अगले पांच वर्षों में ये मांग 25 लाख करोड़ रुपये तक जा सकती है, जो अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगी. उन्होंने कहा कि डीजल आधारित कृषि उपकरणों को पेट्रोल आधारित बनाया जाना चाहिए और फ्लेक्स इंजनों को एथेनॉल पर चलने के लिए परिवर्तित किया जा सकता है.
इथेनॉल की आवश्यकता पर दिया जोर
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि निर्माण उपकरणों में भी इथेनॉल (Ethanol) को शामिल करने के प्रयास जारी हैं. चीनी उत्पादन से एथेनॉल की ओर जाने की आवश्यकता के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया भर में चीनी की मांग में वृद्धि अस्थायी है. जब कच्चे तेल की कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल तक जाती है, तो ब्राजील गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन करता है, जिससे भारत से चीनी की मांग बढ़ जाती है. जब कच्चे तेल की कीमत गिरकर 70 डॉलर से 80 डॉलर प्रति बैरल हो जाती है, तो ब्राजील चीनी का उत्पादन शुरू कर देता है. उन्होंने कहा कि जब कच्चा तेल सस्ता होगा तो चीनी की कीमतों में भी भारी गिरावट आएगी.