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बीकानेर, महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद और महान स्वंतन्त्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक की जयंती पर आज कल्याण फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने पुष्पांजलि और स्मरण सभा का आयोजन शिवबाड़ी स्थित शिव पार्क में किया गया

स्मरण सभा मे चद्रशेखर आज़ाद और बाल गंगाधर तिलक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए  कल्याण फाउंडेशन ऑफ इंडिया की निदेशक कामिनी भोजक मैया ने कहा कि आज़ाद और तिलक इस देश के ऐसे वीर सपूत रहे है जिंन्होने देश को आगे बढ़ाने और व्याप्त कुरीतियो को दूर करने हेतु कार्य किया| मैया ने कहा की ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ का गठन एक शक्तिशालि समाजवाद का बेहतरीन उदाहरण है,यही नही देश के वीर सपूत और क्रांतिकारियों के लिए वे लिए वो पराम र्शदाता की भूमिका में थे| आज़ाद शुरू से ही गर्म मिजाज के कारण उद्वेलित रहते इसी के फलस्वरूप उन्होंने लाल लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए एक आला ब्रिटीश पुलिस अधिकारी को गोली मार दी| वे हर हाल में भारत की आज़ादी जल्द से जल्द चाहते थे इसलिए  वैचारिक रूप से वे महात्मा गांधी के साथ नही रह पाए| मैया ने कहा कि बाल गंगाधर तिलक का बचपन एक सुसंस्कारित ब्राह्मण परिवार परिवेश में गुजरा तभी से वे आध्यात्म और शिक्षा का प्रसार करने में व्यतीत होता इसी का असर उनके जीवन पर्यंत रहा और आज़ादी के आंदोलन में भी वे अपने शिस्टाचार से कोई समझौता नही करते आज़ाद और तिलक का इतिहास आज स्कूलों में ही नही सार्वजनिक स्थानों पर आम जनता के लिए भी उपलब्ध होना आवश्यक है ताकि उनकी शख्शियत से आज की पीढ़ी कुछ सिख सके|

शहर कांग्रेस प्रवक्ता और पार्षद नितिन वत्सस ने स्मरण सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश के दो वीर सपूतों का जयंती दिवस है और गुरु पूर्णिमा भी आज के इस पावन अवसर पर पर हमको यह प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि ऐसे महापुरषो की जीवनी को हम अपने बच्चो को पढ़ा कर उनमे भी आदर्श स्थापित करने का कार्य करेंगे| तिलक संस्कृति और सभ्यता के वे प्रबल समर्थक रहे यही कारण था कि वे सभी धर्मावलंबियों और जातीय व्यवस्थाओं का सम्मान करते इसी के चलते बाल गंगाधर तिलक को लोकमान्य की उपाधि मिली हमे आज इनसे प्ररणा लेने कि आवश्यकता है
वरिष्ठ समाजसेवी सत्यदेव शर्मा ने कहा कि आज़ाद जो कि स्वतंत्रता के प्रबल समर्थक रहे है और अपनी आज़ादी के लिए उन्होंने अंग्रेजी दासता के मुकाबले खुद को गोली मारने से भी परहेज नही किया और तिलक जैसे महान दूरदर्शी व्यक्तित्व का मिलन इस देश के गौरवमयी इतिहास में दर्ज है

प्रख्यात पंडित गिरीशचंद्र शर्मा ने कहा कि बाल गंगाधर तिलक जिनका जन्म ब्राह्मन परिवार मे हुआ जहाँ धर्म और  शिक्षा का महत्व ज्यादा प्रभावी था उसकी छाया तिलक के सम्पूर्णजीवन काल में रही
पार्क में श्रद्धांजलि देने वालो में श्रीमती सरोज शर्मा, उदयभानु शर्मा,चुनीलाल सेवग, चंद्र सिंह राठौड़, महेश नारायण, खुश भोजक,सतीश,प्रेम विश्नोई पिंकी शर्मा, विकास,पूजा,सविता राजीव,भूपेंद्र ने श्रद्धासुमन अर्पित किए

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