बीकानेर, वेटरनरी विश्वविद्यालय के सगंठक महाविद्यालयों, पशुधन अनुसंधान केन्द्रों, पशु विज्ञान केन्द्रों एवं कृषि विज्ञान केन्द्र में विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत निबंध लेखन, वाद-विवाद प्रतियोगिता, वेबिनार एवं संगोष्ठियों का आयोजन कर दुग्ध की महत्वता पर आमजन में जागरूगता उत्पन्न की गई। इस अवसर पर डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय बस्सी, जयपुर में “डेयरी क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी एवं वातावरणीय, खाद्य, सामाजिक एवं आर्थिक सम्बलता” विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने दुग्ध के सामाजिक एवं आर्थिक महत्व को बताते हुए सामाज के सभी लोगो को उपयुक्त मूल्य पर उपलब्ध होने की बात कही। उन्होंने उचित पशु खाद्य प्रबन्धन के माध्यम से वातावरण में ग्रीन हाऊस प्रभाव पर चर्चा की। प्रो. गर्ग ने नवीकरणीय ऊर्जा का सस्टैनबिलिटी में महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. आर.एस. सोढ़ी, प्रबंध संचालक, जी.सी.एम.एम.एफ (अमूल) ने कहा कि डेयरी सेक्टर लगातार वृद्धि करने वाला क्षेत्र है जिसकी पूरे विश्व में सबसे बड़ी सप्लाई चैन है। उन्होंने भारत मे ंडेयरी सेक्टर के विकास के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पूर्व कुलपति प्रो. ए.के गहलोत ने वेबिनार में दुग्ध उत्पादन की निरन्तरता के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त करते हुए दुग्ध उत्पादन में लघु एवं सिमान्त किसानों की भूमिका को अहम् बताया तथा भारत में वर्तमान दुग्ध उत्पादन की स्थिति एवं भविष्य में निरन्तर उपलब्धता हेतु विभिन्न बिन्दुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। वेबिनार में डॉ. आर.के. मलिक, डॉ. ए.के. त्रिपाठी डीन, डेयरी कॉलेज, रायपुर, डॉ. रामेश्वर सिंह, कुलपति, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय ने अपने विचार व्यक्त किये। प्रो. संजिता शर्मा, अधिष्ठाता, पी.जी.आई.वी.ई.आर., जयपुर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। वेबिनार में विश्वविद्यालय के डीन-डॉरेक्टस ने ऑनलाईन माध्यम से जुडे। वेबिनार के संयोजक प्रो. धर्म सिंह मीणा, अधिष्ठाता डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, बस्सी, जयपुर रहे। प्रसार शिक्षा निदेशालय के अन्तर्गत प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित पशुविज्ञान केन्द्रों एवं कृषि विज्ञान केन्द्र पर पशुपालक संगोष्ठियों एवं रोग निदान सेवाओं का आयोजन कर पशुपालकों को दुग्ध की महत्वता एवं आर्थिक स्वावलम्बन में डेयरी सेक्टर की उपयोगिता विषय पर जागरूकता उत्पन्न की गई। विभिन्न पशुपालक संगोष्ठियों के माध्यम से राज्य के पशुपालकों को लाभांवित किया गया। इस अवसर पर वेटरनरी कॉलेज, बीकानेर एवं डेयरी साईस एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, बीकानेर में “डेयरी सेक्टर का विश्व वातावरणीय बदलाव पर प्रभाव” विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं “दुग्ध एवं दुग्ध आधारित व्यवसायों का लोगो की आजीविका में योगदान” विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। वाद-विवाद प्रतियोगिता में अखिल तिवारी एवं सुरेन्द्र सिंह क्रमशः प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर रहे और अंकिता खण्डेलवाल एवं यश पंवार संयुक्त रूप से तृतीय स्थान पर रहे। निबंध लेखन प्रतियोगिता डॉ. अशोक गौड़ एवं वाद विवाद प्रतियोगिता डॉ. देवी सिंह के निर्देशन में आयोजित की गई।
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